शाहगढ़ (मध्य प्रदेश)। खेत की जुताई के दौरान एक किसान को सांप ने डस लिया, लेकिन समय रहते इलाज न मिल पाने के कारण उसकी जान नहीं बच सकी। यह दर्दनाक हादसा गुरुवार सुबह सानौधा गांव के पास हुआ, जहां 45 वर्षीय किसान पुरुषोत्तम यादव अपने बेटे के साथ खेत में ट्रैक्टर चला रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, खेत की मेड़ के पास एक सांप ट्रैक्टर के पहिये के पास आ गया था। बेटा सतीश यादव ट्रैक्टर चला रहा था, और पिता पीछे बैठे थे। पहिये से सांप बच तो गया, लेकिन वह ट्रैक्टर के पास ही छिप गया। कुछ देर बाद पुरुषोत्तम को अचानक तेज चुभन महसूस हुई, उन्होंने बेटे से कहा मुझे सांप ने काट लिया है। इसके बाद सांप ट्रैक्टर के पास ही दिखा, लेकिन पुरुषोत्तम ने उसे मारने से रोकते हुए खुद ही पकड़कर पास के जंगल में छोड़ दिया। घटना के तुरंत बाद परिजन घबरा गए, लेकिन अस्पताल ले जाने के बजाय परंपरागत झाड़-फूंक का रास्ता चुना। पहले उन्हें पास के बगाज माता मंदिर ले जाया गया, जहां घंटों झाड़-फूंक चलती रही, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। जब स्थिति बिगड़ने लगी, तो सुबह 6 बजे के करीब उन्हें टीकमगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां हालत गंभीर बताकर सागर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में बड़ागांव के पास ही पुरुषोत्तम की मौत हो गई। घर में जैसे ही यह दुखद खबर पहुंची पत्नी, बेटे और बेटी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पूरे गांव में शोक का माहौल है स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ डॉ. एस.के. मनकेले ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि विषैले सांप के काटने पर एक से डेढ़ घंटे के भीतर इलाज जरूरी होता है। ऐसे मामलों में झाड़-फूंक में समय गंवाना जानलेवा साबित हो सकता है। ज़रूरी है कि पीड़ित को बिना देर किए नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाए, क्योंकि सही इलाज सिर्फ अस्पताल में संभव है।
वहीं शाहगढ़ पुलिस ने प्रकरण में मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम करवाया और फिर उसे परिजनों को सौंप दिया।