सागर। मंगलवार दोपहर कलेक्टर कार्यालय परिसर में उस समय भारी हंगामा हो गया, जब बंडा वृहद सिंचाई परियोजना से प्रभावित पिथौली गांव के ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर बड़ी संख्या में पहुंचे। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें प्रतिबंधित गेट नंबर 1 से अंदर जाने से रोक दिया और इस दौरान गोपालगंज थाना प्रभारी राजेंद्र कुशवाहा ने उनके साथ अभद्रता की। इससे नाराज ग्रामीणों ने धरना शुरू कर दिया और टीआई को निलंबित करने की मांग पर अड़ गए।
गांव चारों ओर से पानी में घिरा, पुनर्वास की मांग
मालथोन तहसील का पिथौली गांव उल्दन बांध के कारण चारों तरफ से पानी से घिर चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव टापू जैसा हो गया है, जहां खेती और मकान दोनों डूबने की कगार पर हैं। उनका कहना है कि प्रशासन ने अब तक उनकी पुर्नवास की मांग पर ध्यान नहीं दिया है। ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि या तो बांध का स्थान बदला जाए, उसकी ऊंचाई कम की जाए, या फिर प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया जाए।
ज्ञापन सौंपने से पहले बढ़ा विवाद
ग्रामीण दोपहर करीब 12 बजे कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और गेट नंबर 1 से ज्ञापन देने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोका और गेट नंबर 2 से प्रवेश की बात कही। इसी को लेकर गोपालगंज टीआई और ग्रामीणों के बीच कहासुनी हो गई। आरोप है कि पुलिस ने कुछ ग्रामीणों को पकड़कर गाड़ी में बैठा लिया। इससे गुस्साए लोग वहीं धरने पर बैठ गए और टीआई को तत्काल निलंबित करने की मांग करने लगे।
दो घंटे तक हंगामा, फिर पहुंचे अधिकारी
करीब दो घंटे तक कलेक्ट्रेट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। ग्रामीण किसी भी कीमत पर कलेक्टर को ही ज्ञापन देने पर अड़े थे। आखिरकार एसडीएम अदिति यादव मौके पर पहुंचीं और ग्रामीणों से चर्चा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
चेतावनी दी आंदोलन की
ग्रामीणों ने साफ कहा कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। फिलहाल प्रशासन ने मामले की जांच का भरोसा देकर माहौल शांत कराया।