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राखी पर आई खुशियां मातम में बदलीं: हाईटेंशन लाइन ने ली भाई-बहन की खुशियों की कीमत, दादी भी नहीं रहीं

भोपाल।  गांधी नगर के प्रताप ...

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भोपाल।  गांधी नगर के प्रताप वार्ड में शनिवार रात एक दर्दनाक हादसे ने रक्षाबंधन का त्योहार मातम में बदल दिया। बहन के घर राखी बंधवाने पहुंचे 20 वर्षीय सुभाष सेन की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर मौके पर ही मौत हो गई। दुख की इस खबर से रायसेन जिले में रहने वाली उनकी दादी भी सदमे में चल बसीं।

दो साल से रह रहा था मामा के घर

सुभाष सेन, मूल रूप से रायसेन जिले के नूरगंज गांव का रहने वाला था। पिछले दो साल से वह भोपाल के नरेला शंकरी इलाके में मामा के घर रहकर सैलून में काम कर रहा था। शनिवार शाम करीब साढ़े सात बजे वह अपनी बहन निधि और जीजा विक्की के घर राखी बंधवाने आया।

राखी बांधने के बाद हुआ हादसा

राखी बांधने के बाद जीजा ने उसे खाने के लिए रोक लिया। दोनों पहली मंजिल के कमरे में बैठकर बातें कर रहे थे, तभी सुभाष बाहर छत पर चला गया। बारिश की हल्की फुहारों के बीच वह बेहद पास से गुजर रही हाईटेंशन लाइन के संपर्क में आ गया। तेज करंट लगने से वह मौके पर ही गिर पड़ा। परिजन तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

दादी को भी लगा गहरा सदमा

सुभाष की मौत की खबर जैसे ही रायसेन जिले के मंड कासिया गांव में रहने वाली 75 वर्षीय दादी ताराबाई तक पहुंची, उन्होंने भी सदमे में दम तोड़ दिया। एक ही दिन में घर के दो सदस्यों के चले जाने से परिवार गहरे शोक में डूब गया।

पहले भी हो चुका हादसा

जीजा विक्की का कहना है कि उनकी पत्नी निधि भी कुछ समय पहले इसी जगह पर करंट की चपेट में आ चुकी हैं, जिसमें उनका हाथ बुरी तरह झुलस गया था। उन्होंने 13 जनवरी 2025 को इस खतरे को लेकर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई थी। बिजली विभाग ने लाइन को शिफ्ट करने के लिए खर्च की बात कही, जिसे मोहल्ले के लोग देने को तैयार थे, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जांच में जुटी पुलिस

गांधी नगर थाना प्रभारी बृजेंद्र मर्सकोले ने बताया कि मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल मृतक के परिजनों के विस्तृत बयान दर्ज किए जा रहे हैं।

एक साल पहले भी गई थी एक जान

स्थानीय लोगों के अनुसार, इसी हाईटेंशन लाइन की वजह से एक साल पहले एक निर्माणाधीन मकान में काम कर रहे मिस्त्री की मौत हो चुकी है। बार-बार हादसे होने के बावजूद लाइन न तो कवर की गई है और न ही शिफ्ट की गई, जिससे यह इलाका अब भी खतरे में है।

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मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
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