भारत में सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक अनुशासन को बनाए रखने के लिए ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर चालान काटा जाता है। यह चालान एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसे तय समय सीमा, यानी 60 दिनों के भीतर भरना अनिवार्य है। लेकिन अगर इस अवधि में चालान का भुगतान नहीं किया गया, तो मामला आगे की कानूनी प्रक्रिया में चला जाता है। आइए समझते हैं कि देर करने पर किन-किन चरणों से गुजरना पड़ता है।
1. समय पर चालान न भरने पर क्या होता है ?
अगर आपने ट्रैफिक चालान जारी होने के 60 दिनों के भीतर भुगतान नहीं किया, तो ये केस वर्चुअल कोर्ट में पहुंच जाता है। यह एक डिजिटल अदालत है, जहां से आप अपने चालान की स्थिति देख सकते हैं, ऑनलाइन फाइन जमा कर सकते हैं और चाहें तो अपनी बात भी रख सकते हैं।
2. वर्चुअल कोर्ट के बाद भी चालान पेंडिंग रहा तो ?
अगर वर्चुअल कोर्ट में भी चालान जमा नहीं किया गया और 90 दिन बीत गए, तो मामला और गंभीर हो जाता है। इसके बाद ये केस फिजिकल यानी स्थानीय अदालत में भेज दिया जाता है।
3. स्थानीय अदालत में मामला पहुंचने पर क्या होता है ?
जैसे ही केस स्थानीय कोर्ट में पहुंचता है। संबंधित व्यक्ति के नाम एक समन जारी होता है। यह एक कानूनी आदेश होता है जिसके तहत आपको तय तारीख पर अदालत में उपस्थित होना अनिवार्य होता है।
अगर आपने समन को नजरअंदाज किया और कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए, तो अदालत आपके खिलाफ गैर-जमानती वारंट तक जारी कर सकती है, जो स्थिति को और अधिक गंभीर बना देता है।
4. वाहन की जब्ती और RTO ब्लैकलिस्टिंग का खतरा
अगर लगातार चालान को नजरअंदाज किया जाता है, तो ट्रैफिक विभाग की तरफ से आपका वाहन RTO द्वारा ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। इसका मतलब है कि उस वाहन का बीमा रिन्यू नहीं होगा, ना ही आप उसे किसी और के नाम पर ट्रांसफर कर पाएंगे, और न ही दूसरे राज्य में रजिस्ट्रेशन संभव होगा।
यहां तक कि ट्रैफिक पुलिस कभी भी आपके वाहन को जब्त भी कर सकती है।
5. सबसे बेहतर उपाय क्या है ?
चालान मिलने के बाद जितना जल्दी हो सके उसे भर देना ही समझदारी है। 60 दिन के भीतर भुगतान करने पर न केवल आप कानूनी कार्यवाही से बच सकते हैं, बल्कि समय और पैसे दोनों की बचत भी कर सकते हैं। अगर मामला वर्चुअल कोर्ट तक चला गया है, तो आप वर्चुअल कोर्ट वेबसाइट या संबंधित ऐप के जरिए चालान का भुगतान कर सकते हैं।
ट्रैफिक चालान को मामूली बात समझना भारी पड़ सकता है। अगर समय पर जुर्माना नहीं भरा गया, तो यह एक लंबी और जटिल कानूनी प्रक्रिया में बदल सकता है। बेहतर यही है कि ट्रैफिक नियमों का पालन करें, और अगर गलती हो भी जाए तो चालान का समय रहते भुगतान करें, ताकि किसी बड़ी परेशानी से बचा जा सके।