MP : उज्जैन जिले के भाटपचलाना थाने की पुलिस ने एक ऐसे हैरान कर देने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो शादी का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपये ऐंठता था। चौंकाने वाली बात यह रही कि इस गैंग में पति ही अपनी पत्नी की शादी बार-बार करवाता था और फिर वह दुल्हन कुछ ही दिनों में नकदी और गहनों के साथ फरार हो जाती थी।
कैसे सामने आया पूरा मामला
भाटपचलाना थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह चौधरी के मुताबिक, ग्राम खरसोद निवासी रतनलाल सेन का बेटा जितेंद्र लंबे समय से विवाह योग्य था, लेकिन उसका रिश्ता कहीं तय नहीं हो पा रहा था। इसी बीच रतनलाल की मुलाकात खाचरोद में रहने वाली विष्णुबाई पत्नी रामचंद्र धाकड़ से हुई। रतनलाल ने अपनी परेशानी उसे बताई तो विष्णुबाई ने नागदा की रहने वाली एक युवती नेहा का रिश्ता सुझाया।
विष्णुबाई ने दावा किया कि नेहा का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और शादी के लिए डेढ़ लाख रुपये की मांग रखी। कुछ ही समय बाद 14 अगस्त को गांव के मंदिर में जितेंद्र और नेहा की शादी करा दी गई।
दुल्हन का अचानक गायब होना
शादी के बाद शुरू में सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन 21 अगस्त की सुबह नई दुल्हन अचानक लापता हो गई। परिवार ने काफी खोजबीन की, सोशल मीडिया पर भी जानकारी साझा की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। मजबूर होकर जितेंद्र ने थाने में शिकायत दर्ज कराई और पुलिस को बताया कि शायद उसके साथ धोखाधड़ी हुई है।
पुलिस की जांच में निकला सच
जांच में पुलिस ने पाया कि दुल्हन असली नेहा नहीं बल्कि पूजा है, जो पहले से ही शादीशुदा थी। पुलिस ने उसे उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 40 हजार रुपये नकद और कुछ आभूषण भी बरामद किए गए।
गिरफ्तारियां और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने लुटेरी दुल्हन पूजा उर्फ नेहा, उसके पति विनोद मालवीय (निवासी नागदा), रामचंद्र धाकड़ और उसकी पत्नी विष्णुबाई (निवासी खाचरोद) तथा जस्सू उर्फ राजू बागड़ी (निवासी नागदा) को हिरासत में ले लिया है। वहीं, इस गिरोह से जुड़े दो अन्य आरोपियों पूजा के असली पति विनोद मालवीय और आशा बाई की तलाश जारी है।
इस पूरे मामले ने इलाके में सनसनी फैला दी है। लोग हैरान हैं कि किस तरह शादी जैसे पवित्र रिश्ते को ठगी का जरिया बनाया गया और भोले-भाले परिवारों को निशाना बनाया गया।