पुलिस कंट्रोल रूम के सतत प्रयास, 20 दिन बाद खोया बैग मिला
सागर। जिला बांदा, उत्तर प्रदेश के एक छोटे से ग्राम उतरवा निवासी नौजवान रामभजन निषाद अपने साथियों के साथ सागर में आयोजित आर्मी भर्ती प्रक्रिया देखने हेतु सागर आया था। सागर रेलवे स्टेशन से ऑटो द्वारा आर्मी कैंप जाते समय उसका एक बैग, जो ऑटो के पीछे रखा हुआ था, अनजाने में उसी ऑटो में छूट गया। बैग में रामभजन निषाद के सभी मूल शैक्षणिक दस्तावेज, पहचान पत्र एवं महत्वपूर्ण कागजात एक ही फाइल में रखे हुये थे। बैग के गुम होने से वह मानसिक रूप से अत्यधिक परेशान हो गया, काफी तलाश के बाद बैग नहीं मिला। लगभग 20 दिन बाद इसी प्रकार की एक अन्य घटना की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम सागर को प्राप्त हुई, जिसमें एक बैग ऑटो में छूटने की जानकारी थी। इस सूचना पर पुलिस कंट्रोल रूम सागर के उप निरीक्षक आरकेएस चौहान द्वारा तत्परता दिखाते हुये ऑटो के फोटो सहित जानकारी को विभिन्न व्हाट्सएप एवं अन्य सोशल मीडिया गु्रपों में व्यापक रूप से प्रसारित वायरल किया गया। इस वायरल सूचना को देखकर संबंधित ऑटो चालक, मालिक को स्मरण हुआ कि कुछ समय पूर्व उसके ऑटो में एक बैग छूटा था, जिसे उसने सुरक्षित रूप से अपने घर के एक कोने में रख दिया था। वह तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम सागर पहुंचा और बैग पुलिस को सौंप दिया। बैग में रखे सभी दस्तावेज पूरी तरह सुरक्षित एवं मूल अवस्था में पाये गये, किंतु उसमें दिये पते के आधार पर केवल जिला बांदा एवं ग्राम उतरवा की जानकारी उपलब्ध थी। इसके पश्चात उप निरीक्षक आरकेएस चौहान एवं उनकी टीम द्वारा अत्यंत धैर्य एवं परिश्रम से बांदा पुलिस कंट्रोल रूम से जिले के थानों के नंबर लेकर ग्राम की जानकारी ली गई थाना एवं स्थानीय स्तर पर संपर्क स्थापित किया गया। लगभग 10-15 फोन कॉल के बाद यह पुष्टि हुई कि ग्राम उतरवा बदौसा थाना क्षेत्र में आता है। आगे ग्राम प्रधान गायत्री सिंह से संपर्क कर युवक रामभजन निषाद की पहचान सुनिश्चित की गई। अगले दिन ग्राम प्रधान के माध्यम से रामभजन से संपर्क स्थापित हुआ, जिससे उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। 27 दिसम्बर को रामभजन निषाद को पुलिस कंट्रोल रूम सागर बुलाकर उसका बैग, उसमें रखा समस्त सामान एवं उसकी बहुमूल्य शैक्षणिक दस्तावेजों की फाइल सकुशल सुपुर्द की गई। दस्तावेज प्राप्त करते समय उसकी आंखों में खुशी के आंसू छलक आये। उसने बताया कि सभी दस्तावेज एक ही फाइल में होने के कारण वह अत्यधिक मानसिक तनाव में था और भविष्य को लेकर चिंतित हो गया था। उक्त कार्यवाही में उप निरीक्षक आरकेएस चौहान, आशीष दुबे, गौरव कोरी द्वारा पूर्ण निष्ठा, संवेदनशीलता एवं मानवीय दृष्टिकोण से कार्य करते हुये युवक का खोया हुआ बैग एवं उसका भविष्य सुरक्षित किया।
पुलिस कंट्रोल रूम के सतत प्रयास, 20 दिन बाद खोया बैग मिला
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by Suraj Sen
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