मुरैना के चंबल बीहड़ों में कूनो नेशनल पार्क से भटकी मादा चीता माधवी ने 5 बकरियों का किया शिकार। कई दिनों की दहशत के बाद चीता कुनबे सहित कूनो लौट गई। वन विभाग दे रहा है मुआवजा।
पूरी खबर…..
मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क से भटकी मादा चीता ‘माधवी’ अपने चार शावकों के साथ पार्क की सीमाएं पार कर चंबल के बीहड़ों में पहुंच गई थी। इस दौरान माधवी ने बीहड़ इलाके में पहुंचते ही कई छोटे पशुओं का शिकार कर इलाके में दहशत फैला दी।
ग्रामीणों के मुताबिक, मादा चीता माधवी ने मुरैना के खोह का पुरा गांव में तीन बकरियों को अपना शिकार बनाया। इसके बाद वह अपने शावकों के साथ देवगढ़ गांव के समीप दिखाई दी, जहां दो और बकरियों को मार डाला। चीतों द्वारा एक साथ पांच बकरियों का शिकार किए जाने से आसपास के गांवों में भय का माहौल बन गया था।
ग्रामीणों में फैली दहशत
स्थानीय लोग बताते हैं कि मादा चीता का कुनबा पहले सबलगढ़ के जंगल से होते हुए पगारा डैम के पास देखा गया था। ग्रामीणों ने जब सड़क पर चीतों को बेखौफ घूमते देखा तो पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। बाद में चीतों की मौजूदगी पगारा कोठी, नरहेगा और खोह का पुरा के आस-पास भी देखी गई।
ग्रामीणों का कहना है कि कूनो पार्क से लगभग 50 किलोमीटर दूर खुले बीहड़ इलाके में चीतों का इस तरह खुलेआम विचरण करना खतरनाक है। इसको लेकर वन विभाग ने भी तत्काल अलर्ट जारी कर लोगों से सतर्क रहने की अपील की थी।
वन विभाग की कार्रवाई
मामले की जानकारी देते हुए एसडीओ फॉरेस्ट माधो सिंह ने बताया कि मादा चीता माधवी करीब एक हफ्ते पहले अपने शावकों के साथ पार्क से बाहर आकर चंबल के बीहड़ों में पहुंच गई थी। पिछले दो दिनों में उसने पांच बकरियों का शिकार किया है। वन विभाग की सतत निगरानी के बाद अब मादा चीता अपने शावकों के साथ वापस कूनो नेशनल पार्क लौट चुकी है।
एसडीओ ने कहा कि जिन ग्रामीणों के पालतू पशु चीतों का शिकार बने हैं, उन्हें नियमानुसार मुआवजा देने की प्रक्रिया जारी है।
राहत की सांस
चीता कुनबे के लौटने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। हालांकि, इस घटना ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कूनो नेशनल पार्क के चीतों की निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह के खतरे टाले जा सकें।