MP : रिश्वतखोर बैंक मैनेजर रंगे हाथ गिरफ्तार: किसान से डेयरी लोन पास कराने के बदले मांग रहा था 75 हजार की घूस…
मध्यप्रदेश / खंडवा। खंडवा जिले के छनेरा तहसील में स्थित कैनरा बैंक के शाखा प्रबंधक को लोकायुक्त की टीम ने मंगलवार देर शाम रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी बैंक मैनेजर, राधारमन सिंह राजपूत, पर आरोप है कि वह सरकारी योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत लोन में से सब्सिडी का हिस्सा बतौर रिश्वत मांगता था।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आरोपी प्रबंधक ने एक किसान से डेयरी प्रोजेक्ट के लिए मंजूर किए गए छह लाख रुपये के ऋण में से 75 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। यही नहीं, उसने इस रकम को भी किस्तों में देने की शर्त रखी थी, ठीक उसी तरह जैसे लोन की किश्तें तय होती हैं। पीड़ित किसान विनोद लोवंशी से बैंक मैनेजर ने पहले ही 10 हजार रुपये ले लिए थे और अगली किस्त के रूप में 5 हजार रुपये और मांग रहा था।
किसान ने परेशान होकर लोकायुक्त कार्यालय से संपर्क किया। इसके बाद लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय के नेतृत्व में इंदौर से 10 सदस्यीय टीम छनेरा पहुंची और जैसे ही मैनेजर ने रिश्वत की दूसरी किश्त के रूप में 5 हजार रुपये स्वीकार किए, टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
जानकारी के अनुसार, राधारमन सिंह राजपूत को करीब एक साल पहले छनेरा कैनरा बैंक में शाखा प्रबंधक के पद पर नियुक्त किया गया था। उसके कार्यकाल में कई बार आरोप लगे कि वह सरकार की योजनाओं के तहत मिलने वाले लोन में से सब्सिडी का आधा हिस्सा घूस के रूप में लेता है। जिन लोगों ने रिश्वत देने से इनकार किया, उनके लोन जानबूझकर रोक दिए गए।
इस मामले में भी किसान विनोद लोवंशी ने ‘आचार्य विद्यासागर योजना’ के अंतर्गत डेयरी यूनिट निर्माण के लिए आवेदन किया था। योजना के तहत छह लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई, और वह राशि कैनरा बैंक की छनेरा शाखा के माध्यम से आवेदक के खाते में जानी थी। लेकिन बैंक मैनेजर ने इस स्वीकृत रकम की सब्सिडी से 75 हजार रुपये घूस के तौर पर मांग लिए।
घटना की पुष्टि करते हुए लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय ने बताया कि यह कार्रवाई लोकायुक्त महानिदेशक योगेश देशमुख के निर्देश पर की गई। जैसे ही बैंक मैनेजर ने किसान से रिश्वत की दूसरी किश्त ली, वैसे ही उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया।
फिलहाल आरोपी से पूछताछ की जा रही है और यह जांच भी की जा रही है कि और किन-किन मामलों में उसने इसी तरह से घूस ली है। बैंक और प्रशासनिक महकमे में यह कार्रवाई चर्चा का विषय बनी हुई है।