MP NEWS : मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले से कैदियों को मिलेगी सजा में 60 दिन की छूट….
MP NEWS : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर मध्य प्रदेश सरकार ने कैदियों के लिए एक अहम और संवेदनशील निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को सोशल मीडिया के माध्यम से घोषणा की कि प्रदेश की जेलों में दंडित कैदियों को सजा में छूट दी जाएगी। सरकार के निर्देशानुसार इस बार भी जन्माष्टमी पर कैदियों की सजा में औसतन 60 दिनों तक की कटौती की जाएगी।
21 हजार कैदियों में से 14 हजार होंगे लाभान्वित
मध्य प्रदेश की जेलों में इस समय लगभग 21 हजार कैदी सज़ा काट रहे हैं। इनमें से करीब 14 हजार बंदियों को सरकार की इस पहल का सीधा लाभ मिलेगा। यह निर्णय उन कैदियों के लिए लिया गया है जिन पर गंभीर और जघन्य अपराधों का आरोप नहीं है। यानी आतंकवाद, महिला उत्पीड़न, दुष्कर्म और निर्मम हत्या जैसे अपराधों में दोषी कैदियों को इस राहत का लाभ नहीं दिया जाएगा।
धार्मिक अवसर पर सुधार का संदेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व समाज को सकारात्मकता और सद्भाव का संदेश देते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जैसे पर्व पर कैदियों को राहत देना सरकार की उस सोच का हिस्सा है, जिसके तहत अपराधियों में सुधार और मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशीलता लाने का प्रयास किया जाता है। उनका मानना है कि कैदियों को ऐसे अवसरों पर दी गई छूट न केवल उनके जीवन में नई शुरुआत का मौका देती है बल्कि परिवार और समाज से उनके जुड़ाव को भी मज़बूत करती है।
स्वतंत्रता दिवस पर भी मिली थी राहत
यह पहली बार नहीं है जब प्रदेश सरकार ने कैदियों के लिए ऐसा कदम उठाया हो। इससे पहले स्वतंत्रता दिवस पर भी बड़ी संख्या में बंदियों को सजा में छूट दी गई थी। जेल मुख्यालय से जारी आदेश के मुताबिक 15 अगस्त के अवसर पर भोपाल की केंद्रीय जेल से 25, सतना से 17, उज्जैन से 14, नर्मदापुरम से 11, ग्वालियर से 16, जबलपुर से 14, रीवा से 19, सागर से 14, इंदौर केंद्रीय जेल से 10, नरसिंहपुर से 6 और बड़वानी से 3 कैदियों को रिहा किया गया था।
इसी तरह, जिला जेल देवास से 1, टीकमगढ़ से 2, इंदौर से 2 तथा उप जेल पवई और बंडा से 1-1 कैदी को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जेल से बाहर आने का अवसर मिला।
कैदियों के जीवन में नई उम्मीद
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे फैसले कैदियों में आत्मविश्वास और सुधार की भावना पैदा करते हैं। लंबे समय तक जेल की चारदीवारी में रहने से उनमें नकारात्मकता बढ़ जाती है, लेकिन सजा में राहत उन्हें समाज में दोबारा घुलने-मिलने और नई शुरुआत करने की प्रेरणा देती है। खासकर धार्मिक पर्व पर दी गई यह राहत उनके जीवन में नई उम्मीद और सकारात्मक सोच भर सकती है।
सरकार का मानवीय दृष्टिकोण
मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले को सामाजिक और मानवीय दृष्टिकोण से भी अहम माना जा रहा है। यह कदम न केवल जेल सुधार की दिशा में सहायक है बल्कि कैदियों को बेहतर इंसान बनाने की पहल भी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसे अवसरों पर दी जाने वाली छूट से कैदी अपने जीवन में आत्मचिंतन करेंगे और अपराधमुक्त जीवन जीने की प्रेरणा पाएंगे।