MP : सरकारी सब्सिडी के दुरुपयोग को रोकने के लिए बिजली कंपनी बनाएगी स्पष्ट कार्रवाई नीति, एक साल से नए दोहरे कनेक्शन पर पहले ही लगी है रोक….
शहर में एक ही परिसर में दो बिजली कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ अब कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। बिजली कंपनी के अनुसार, शहर में ऐसे करीब 32 हजार उपभोक्ता हैं, जिनके एक ही परिसर में दो-दो कनेक्शन दर्ज हैं। इस मुद्दे पर लगभग एक साल पहले एसीएस स्तर पर चर्चा के साथ निरीक्षण भी किया गया था, जिसके बाद दोहरे कनेक्शन को लेकर अलग नीति बनाने का निर्णय लिया गया था।
जानकारी के मुताबिक, पिछले करीब एक साल से शहर में एक ही परिसर में नया दोहरा बिजली कनेक्शन देने पर रोक लगी हुई है। अब कंपनी पुराने मामलों में कार्रवाई के लिए स्पष्ट रूपरेखा तैयार कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि दोहरे कनेक्शन पर रोक लगाने की मुख्य वजह सरकारी बिजली सब्सिडी का दुरुपयोग है।
वर्तमान व्यवस्था के तहत शासन ने 150 यूनिट तक की खपत को रियायती श्रेणी में रखा है। पहले 100 यूनिट पर प्रति यूनिट बेहद कम शुल्क लिया जाता है, जबकि इसके बाद 50 यूनिट तक निर्धारित टैरिफ लागू होता है। यदि किसी एक परिसर में दो कनेक्शन मौजूद हों, तो उपभोक्ता कुल 300 यूनिट तक सब्सिडी का लाभ ले सकता है, जिससे नियमों का उल्लंघन होता है।
बिजली कंपनी को यह भी आशंका है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण बढ़ रहे बिजली बिल से बचने के लिए कुछ उपभोक्ता दोहरे कनेक्शन का सहारा ले रहे हैं। पहले मकान मालिक अक्सर किराएदारों के लिए अलग कनेक्शन ले लेते थे, लेकिन अब नए नियमों के चलते ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है। इससे हर महीने बिजली बिल को लेकर विवाद की स्थिति बन रही है।
इसके अलावा, एक ही मकान में बंटवारे के साथ रह रहे भाई या अन्य रिश्तेदारों को अलग बिजली कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है। कंपनी द्वारा कनेक्शन के लिए अलग रजिस्ट्री की मांग की जा रही है, जो कई मामलों में संभव नहीं है। नतीजतन, घरेलू स्तर पर भी बिजली बिल को लेकर असहमति और परेशानी सामने आ रही है।
बिजली कंपनी का कहना है कि जल्द ही दोहरे कनेक्शन से जुड़े सभी पहलुओं पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे, ताकि नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके और वास्तविक जरूरतमंद उपभोक्ताओं को सब्सिडी का लाभ मिल सके।








