मध्यप्रदेश में युवती अर्चना तिवारी की गुमशुदगी का मामला अब रहस्य और सस्पेंस से भरता जा रहा है। अब तक परिवार और पुलिस उसकी तलाश में जुटे थे, लेकिन ताजा जांच में सामने आए ग्वालियर कनेक्शन ने केस को और पेचीदा बना दिया है।
फोन कॉल से खुला राज
पुलिस की जांच में सामने आया है कि अर्चना तिवारी के गायब होने से पहले उसका संपर्क ग्वालियर जिले के भंवरपुर थाने में पदस्थ आरक्षक राम तोमर से लगातार बना हुआ था। कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की छानबीन में यह बात स्पष्ट हुई कि दोनों के बीच कई बार लंबी बातचीत हुई। यह तथ्य पुलिस के लिए अहम सबूत साबित हो रहा है।
टिकट भी कराया था बुक
सिर्फ बातचीत ही नहीं, बल्कि यह भी सामने आया है कि अर्चना का इंदौर से ग्वालियर तक का ट्रेन टिकट भी उसी आरक्षक ने बुक कराया था। यह खुलासा होने के बाद पुलिस के शक की सुई सीधे-सीधे राम तोमर की ओर घूम गई। यही वजह रही कि जीआरपी ग्वालियर ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।
पूछताछ जारी, पर अभी सस्पेंस बरकरार
पुलिस सूत्रों के अनुसार, राम तोमर से देर रात तक कड़ी पूछताछ की गई। हालांकि, अभी तक उसके खिलाफ किसी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। अधिकारी केवल इतना कह रहे हैं कि जांच पूरी गंभीरता के साथ जारी है और किसी भी पहलू को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा।
अर्चना पहुँची या गायब हुई रास्ते में?
इस समय सबसे बड़ा सवाल यही है कि अर्चना तिवारी वास्तव में ग्वालियर पहुँची भी थी या बीच रास्ते में ही लापता हो गई। फिलहाल इस बिंदु पर पुलिस जांच तेज कर रही है। संभावना जताई जा रही है कि कहीं न कहीं इस घटना के पीछे कोई साजिश की परतें छिपी हो सकती हैं।
परिवार की बढ़ती बेचैनी
अर्चना की गुमशुदगी से परिवारजन बेहद परेशान हैं। लगातार पुलिस के पास गुहार लगाई जा रही है और अपनों की तलाश में वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं। परिवार की बेकरारी इस बात से और बढ़ गई है कि ग्वालियर कनेक्शन सामने आने के बाद अब केस का दायरा और बड़ा हो गया है।
पूरे प्रदेश में फैली सनसनी
जैसे ही यह खबर सामने आई कि अर्चना तिवारी का कनेक्शन ग्वालियर पुलिसकर्मी से जुड़ा है, प्रदेशभर में सनसनी फैल गई। इस मामले ने न सिर्फ आम जनता को चौंका दिया है बल्कि पुलिस विभाग के लिए भी यह चुनौतीपूर्ण बन गया है।
पुलिस के लिए चुनौती
अब पुलिस की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि जल्द से जल्द अर्चना तिवारी की खोज की जाए और उसके लापता होने की असल वजह सामने लाई जाए। साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाए कि आरक्षक राम तोमर का इस मामले से रिश्ता आखिर कितना गहरा है।