प्रोत्साहन राशि हड़पने के लिए बनाए थे झूठे रिकॉर्ड, जनता के विश्वास से खिलवाड़
भोपाल। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) मध्यप्रदेश ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में कार्यरत सात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (CHO) की संविदा सेवाएं समाप्त कर दी हैं। यह निर्णय अधिकारियों के खिलाफ गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि के बाद लिया गया, जिसमें उन्होंने जाली दस्तावेजों के आधार पर प्रोत्साहन राशि प्राप्त की थी।
जांच में यह सामने आया कि इन CHO ने अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच अपनी ड्यूटी रिपोर्ट्स में मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर स्क्रीनिंग, उपचार और फॉलोअप जैसी सेवाओं का झूठा ब्यौरा प्रस्तुत किया था। वास्तविकता यह थी कि कई बार ये सेवाएं दी ही नहीं गई थीं, लेकिन उनके नाम पर भुगतान उठाया गया।
राज्य स्तरीय जांच टीम द्वारा रिकॉर्ड और ज़मीनी कार्य का मिलान करने पर यह अनियमितता उजागर हुई। जांच के दौरान कुछ अधिकारियों ने अपनी गलती मानते हुए स्वीकार किया कि उन्होंने लाभ लेने के लिए फर्जी आंकड़े दिए थे।
आमजन के स्वास्थ्य अधिकारों से धोखा
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थापना इस उद्देश्य से की गई थी कि देश के दूरदराज़ और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तक मातृ स्वास्थ्य, शिशु सुरक्षा और असंचारी रोगों की जांच जैसी जरूरी सेवाएं आसानी से पहुंच सकें। लेकिन जिन अधिकारियों को यह ज़िम्मेदारी दी गई थी, उन्होंने न केवल शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई, बल्कि आमजन के स्वास्थ्य अधिकारों के साथ भी छल किया।
NHM ने दिया स्पष्ट संदेश
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने इस मामले में मानव संसाधन मैनुअल 2025 के अंतर्गत सख्त कार्रवाई करते हुए सभी सात CHO की सेवाएं तुरंत प्रभाव से समाप्त कर दी हैं। NHM का साफ कहना है कि संविदा पर कार्यरत कोई भी कर्मचारी अगर वित्तीय गड़बड़ी या नैतिक कदाचार में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कठोर निर्णय लिया जाएगा।
यह कार्रवाई आने वाले समय में उन सभी कर्मचारियों के लिए एक चेतावनी है जो सरकारी योजनाओं और स्वास्थ्य सेवाओं को व्यक्तिगत लाभ का जरिया बना रहे हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था की गरिमा बनाए रखने और आम नागरिकों का भरोसा कायम रखने के लिए इस तरह की पारदर्शिता और कठोरता अत्यंत आवश्यक है।