संवेदनाओं को झकझोर देने वाली एक घटना में प्रेम विवाह कर साथ रहने वाले एक नवविवाहित जोड़े ने आत्महत्या कर ली। युवक ने इस कदम से पहले सोशल मीडिया पर एक भावुक विदाई संदेश साझा किया था। यह दुखद मामला सामने आने के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
बिहार। मृतकों की पहचान 19 वर्षीय शुभम कुमार और उसकी 18 वर्षीय पत्नी मुन्नी कुमारी के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक, दोनों की जान-पहचान इंस्टाग्राम के माध्यम से हुई थी। धीरे-धीरे बातचीत प्यार में बदली और अक्टूबर 2024 में दोनों ने समाज की परवाह किए बिना अंतरजातीय विवाह कर लिया।
शादी के बाद मुन्नी के परिवार ने इस रिश्ते का विरोध किया, जिससे मामला पंचायत तक पहुंचा। पंचायत के फैसले में युवती के सिंदूर को स्प्रिट से धुलवाकर उसे उसके मायके वालों को सौंप दिया गया था। हालांकि, प्रेम की डोर इतनी कमजोर नहीं थी—दिसंबर 2024 में दोनों फिर से एक साथ रहने लगे।
परिजनों की गैरमौजूदगी में घटी त्रासदी
बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त परिजन किसी बच्चे को डॉक्टर के पास दिखाने गए हुए थे। जब वे दोपहर में लौटे, तो घर अंदर से बंद मिला। आवाज लगाने के बावजूद जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो खिड़की से झांककर देखा गया। अंदर का दृश्य स्तब्ध कर देने वाला था शुभम फांसी के फंदे पर लटका था और मुन्नी मृत अवस्था में पलंग पर पड़ी थी।
सोशल मीडिया पर अलविदा के साथ संकेत
घटना से कुछ देर पहले ही शुभम ने अपने फेसबुक अकाउंट पर पत्नी के साथ एक फोटो साझा कर अलविदा लिखा था। इस पोस्ट ने मानो आने वाले हादसे का संकेत दे दिया था।
सूचना मिलने पर स्थानीय थाना पुलिस और डीएसपी आनंद पांडेय घटनास्थल पर पहुंचे और जांच शुरू की गई। फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है ताकि मौत की सही परिस्थितियां स्पष्ट हो सकें।
मामले में सामने आए तथ्य
स्थानीय लोगों और परिजनों का कहना है कि दोनों के बीच किसी प्रकार का कोई झगड़ा नहीं था। प्राथमिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि संभवतः पहले मुन्नी ने फांसी लगाई और बाद में शुभम ने भी आत्महत्या कर ली।
हालांकि पुलिस फिलहाल किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के बाद ही स्पष्ट रूप से कहा जा सकेगा कि यह कदम किन परिस्थितियों में उठाया गया।
यह घटना न सिर्फ एक प्रेम कहानी का दुखद अंत है, बल्कि सामाजिक अस्वीकृति और मानसिक दबावों की गंभीरता को भी उजागर करती है। सवाल उठता है कि क्या समाज की तंग सोच ने दो जिंदगियों को खत्म कर दिया? यह आत्मचिंतन का विषय है।