ग्वालियर: सालों से दफ्तरों में जमे पुलिसकर्मी हटाए जाएंगे, पारदर्शिता बढ़ाने का फैसला
ग्वालियर। पुलिस महकमे में लंबे समय से एक ही दफ्तर में तैनात पुलिसकर्मियों के दिन अब बदलने वाले हैं। पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी कर साफ कर दिया है कि सालों से बाबू बनकर दफ्तरों में जमे पुलिसकर्मियों को वहां से हटाया जाएगा और उनकी नई तैनाती थानों या अन्य विभागों में की जाएगी।
यह पहली बार है जब आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ऐसी तैनातियों से पुलिस कार्यप्रणाली की पारदर्शिता प्रभावित होती है और निहित स्वार्थ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
150 से ज्यादा पुलिसकर्मी ग्वालियर में प्रभावित
ग्वालियर में इस आदेश से 150 से ज्यादा पुलिसकर्मी प्रभावित होंगे, जो पांच से दस साल से एक ही दफ्तर में बिना वर्दी के तैनात हैं। इनमें आईजी कार्यालय, डीआईजी कार्यालय, एसएसपी कार्यालय, एएसपी, डीएसपी कार्यालयों समेत अवकाश, स्थापना, आर्म्स, आवास, वारंट सेल, चुनाव सेल आदि शाखाओं के कर्मचारी शामिल हैं।
अब इन सभी की सूची तैयार की जा रही है। जल्द ही इन्हें दफ्तरों से हटाकर अन्य स्थानों पर भेजा जाएगा।
पहले थानों से हटाए गए, अब बारी बाबूओं की
कुछ दिन पहले ही थानों में चार साल से अधिक समय से तैनात पुलिसकर्मियों के तबादले के आदेश जारी हुए थे। अब दफ्तरों में जमे बाबूओं को हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। एसएसपी कार्यालय ने सभी थानों को पत्र भेजकर ऐसे पुलिसकर्मियों की जानकारी मांगी है जो लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात हैं।
इस प्रक्रिया से ग्वालियर में ही 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी प्रभावित होंगे।
हर फाइल पर बनी थी पकड़
कई बाबू तो आवेदन से लेकर गंभीर केस डायरी तक पूरी नजर रखते हैं। सीएसपी इंदरगंज, लश्कर और यूनिवर्सिटी सर्किल जैसे इलाकों में ऐसे पुलिसकर्मी सालों से दफ्तरों में तैनात हैं और थानों तक प्रभाव रखते हैं। इनकी शिकायतें पहले भी अधिकारियों के पास पहुंच चुकी हैं।
सिफारिशें तेज, लेकिन आदेश सख्त
जिन पुलिसकर्मियों के निजी हित दफ्तरों में तैनाती से जुड़े हैं, वे अब अपनी पोस्टिंग बचाने के लिए सिफारिशें लगवाने में जुट गए हैं। कई पुलिस अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी इस कोशिश में लगे हैं, लेकिन इस बार डीजीपी कैलाश मकवाना के आदेश सख्त हैं और पालन अनिवार्य है।
एसएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया, “पुलिस मुख्यालय से जो निर्देश आए हैं, उनका पालन किया जा रहा है। थानों और दफ्तरों में सालों से तैनात पुलिसकर्मियों की सूची तैयार की जा रही है और जल्द तबादले किए जाएंगे।”