इंदौर। चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में एक नया मोड़ तब आया, जब विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच और गिरफ्तारी के बावजूद दो आरोपियों लोकेंद्र सिंह तोमर और बलवीर अहिरवार को शिलांग की अदालत से जमानत मिल गई।
मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक राजा की हत्या के बाद सोनम कुछ दिनों तक लोकेंद्र की ही हीराबाग कॉलोनी में मौजूद बिल्डिंग में रुकी थी, जहां बलवीर चौकीदार के तौर पर काम कर रहा था। बाद में जब पुलिस ने इन दोनों को पकड़ा, तो उन पर सोनम को पनाह देने और सबूत मिटाने का आरोप भी जुड़ा।
सरकारी पक्ष के वकील तुषार चंदा ने बताया कि लोकेंद्र और बलवीर पर सीधे तौर पर हत्या में शामिल होने का आरोप नहीं साबित हुआ। दोनों को सोनम को शरण देने और उसके सामान को ठिकाने लगाने के मामले में पकड़ा गया था। इसी दौरान प्रॉपर्टी डीलर सिलोम जेम्स पर भी आरोप लगा कि उसने सोनम का बैग जला दिया और कमरे से हथियार व गहने गायब कर दिए। इस कारण सिलोम को फिलहाल फिर से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
भाई गोविंद बोले बहन निर्दोष निकली तो करूंगा मदद
सोनम के भाई गोविंद ने मीडिया से कहा कि वह अपनी बहन से जेल में मिलना चाहता है। वह शिलांग जाकर सोनम से बात करेगा। अगर उसे लगेगा कि सोनम को बेवजह फंसाया गया है तो वह अपनी तरफ से वकील की मदद देगा। लेकिन अगर बहन ने वाकई अपराध किया है तो उसे सजा भुगतनी ही चाहिए।
राजा के परिवार को लौटाए गहने
इधर, सोनम के परिवार ने राजा के घरवालों को शादी के दौरान दिए गए जेवर वापस कर दिए हैं, जिनकी कीमत करीब 10 लाख रुपये बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार शादी के वक्त राजा ने सोनम को अंगूठी, सोने का हार और चूड़ियां दी थीं। हनीमून से पहले सोनम ने ज्यादातर गहने मायके भेज दिए थे। सिर्फ मंगलसूत्र और एक अंगूठी वह अपने साथ लेकर गई थी, जो अभी पुलिस की कस्टडी में है।
फिलहाल शिलांग पुलिस इस हत्याकांड की हर कड़ी को खंगाल रही है। गवाहों के बयान दर्ज कराए जा रहे हैं और अदालत में पुख्ता सबूत पेश करने की तैयारी चल रही है।