(सागर) विद्युत तारों का फैला मकड़जाल, घरों छतों के आगे लटकते तार दे हादसों को निमंत्रण…..
सागर: मालथौन/ जिले के मालथौन क्षेत्र में कई रहवासी इलाको में विद्युत तार जमीनी सतह को छू रहे है जो हादसों न्यौता दे रहे है। रजवांस में छत पर रखे हुये हैं। विद्युत कंपनी के नुमाइंदे बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं। पूर्व में हुये हादसों के बाद भी अधिकारी सबब नहीं ले रहे है। मेंटिनेंस नाम पर कागजो में लाखों रुपयों का खेला चल रहा हैं। विद्यतु वितरण केंद्र मालथौन के अंतर्गत नगर परिषद बरोदिया के वार्डो मे करंट के तार झूलते हुये दे रहे हादसों को न्योता दे रहे है यहां लोगो ने की कई बार शिकायत कर चुके है। लेकिन अधिकारी कर्मचारी गंभीरता से नहीं ले रहे है शायद कोई बड़ी अनहोनी का इंतजार में बैठे हैं। यहा लोग बरसात के मौसम डरे सहमे हुये हैं कही कोई तार टूटकर या किसी सम्पर्क में न आ जाये। शिकायतों के बाद अधिकारी द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया। 11 केव्ही की लाइन घरों के आगे लटक रही हैं। तार इतने नीचे है की पैदल चलते लोगो को भी करंट की चपेट में ले सकते हैं। इस और नपा प्रशासन को एक्शन लेने की जरूरत हैं और बिजली विभाग के अधिकारी बेपरवाह से हादसों का इंतजार में बैठे है। मुहल्ले के माखन घोषी बताते है की बहुत बार बोल दिया कुछ भी नहीं हुआ। रजवांस के वार्ड 14 और 15 के माखन, अंकित जैन, बृजगोपाल लिटोरिया और नेमीचंद जैन बताते है कही कही छतों पर बिजली तार रखे हुये है। चारो तरफ घरों के आगे लटक रहे हैं। आये दिन बिजली कटौती की भी समस्या आती है जो की हर साल मेंटिनेन्स होना होता है मेंटिनेन्स के नाम पर लाखो रूपये भी आते पर इसको संज्ञान मे प्रशासन को लेना चाहिये लेकिन इस साल मेंटिनेन्स हुआ ही नहीं बिजली कटौती की समस्या ने लोगो को गर्मियों मे तो सोने नहीं दिया बरोदिया रजवांस मालथोन के सभी गांव में भी बरसात मे भी लाइट की समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है, बिजली विभाग में कर्मचारी बहुत कम संख्या में है लोगो को दिनों दिन इंतज़ार करना पड़ता है कब हमारी लाइट सुधरेगी गांव में लोग पड़ रहे है। बीमार बोबई निवासी अभिषेक तिवारी बताते है की गांव मे लाइट बहुत कम रहती है जिस से बीमारी का खतरा बढ़ रहा है कई घंटो पीने के पानी के लिए इंतज़ार करना पड़ता है। रात में यदि किसी की लाइट चली जाये तो कर्मचारी का फोन उठाना नामुमकिन है अधिकारी से आम आदमी की बात दिन मे भी नहीं हो सकती है।