सागर। राहतगढ़ जनपद पंचायत के ईशुरवारा ग्राम पंचायत में सरपंच रश्मि राय द्वारा लगाए गए मारपीट और इस्तीफा देने के दबाव के आरोपों पर अब दूसरा पक्ष सामने आया है। पूर्व सरपंच महेश विश्वकर्मा मंगलवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ एसपी ऑफिस पहुंचे और पूरे मामले को सरासर झूठा और मनगढ़ंत बताया।
महेश विश्वकर्मा ने कहा, “घटना के दिन मैं गांव में था ही नहीं, मैं जबलपुर में था। इसका सबूत मैंने रेलवे टिकट के माध्यम से पुलिस को दे दिया है।” उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि पूरा गांव रश्मि राय और उनके पति लखन राय से परेशान है। गांव के धार्मिक स्थल पर इनके परिवार द्वारा अवैध मुरम उत्खनन किया जा रहा है, जिसकी लगातार ग्रामीण हमसे शिकायत कर रहे थे।
“वीडियो बनाने पर बेटे से मारपीट, कट्टा अड़ाकर वीडियो डिलीट करवाया”
महेश विश्वकर्मा ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि “14 जून को मेरा बेटा शैलेंद्र विश्वकर्मा गांव के मंदिर पर गया था, जहां अवैध उत्खनन चल रहा था। जब वह मोबाइल से वीडियो बनाने लगा तो लखन राय और उसके साथी अनिकेत ने मेरे बेटे को पकड़ कर बुरी तरह पीटा। इतना ही नहीं, बेटे के सीने में कट्टा अड़ाकर जबरदस्ती वीडियो भी डिलीट करवा दिया गया।”
महेश ने आगे कहा कि “इसी दौरान सरपंच रश्मि राय भी वहां पहुंची और मेरे बेटे को गंदी-गंदी गालियां दीं। इसके बाद उल्टा सरपंच थाने जाकर मनगढ़ंत कहानी बनाकर हमारे खिलाफ झूठा केस दर्ज करवा आई।”
“गांव में आतंक का माहौल, निष्पक्ष जांच की मांग”
पूर्व सरपंच का कहना है कि “सरपंच और उनके परिवार से पूरा गांव त्रस्त है। कोई आवाज उठाता है तो उसके खिलाफ फर्जी मामले दर्ज करवा दिए जाते हैं।” इस दौरान महेश विश्वकर्मा के समर्थन में पहुंचे ग्रामीणों ने भी सरपंच परिवार पर उत्पीड़न के आरोप लगाए और निष्पक्ष जांच की मांग की।
पुलिस अधिकारियों ने महेश विश्वकर्मा और ग्रामीणों को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है।
इस मामले में सरपंच रश्मि राय का पक्ष भी पहले सामने आ चुका है, जिसमें उन्होंने पूर्व सरपंच महेश विश्वकर्मा और उनके परिजनों पर मारपीट और इस्तीफा देने का दबाव बनाने के आरोप लगाए थे। अब दोनों पक्ष आमने-सामने हैं और पुलिस जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी।