Sagar News : “देवरी विधायक की अजीब सलाह” देवरी विधायक ब्रजबिहारी पटेरिया एक बार फिर अपनी अजीबो गरीब भाषा को लेकर सुर्खियों मे है। विधायक पटेरिया ने स्वास्थ्य शिविर क दौरान मानदेय की मांग कर रही आशा कार्यकर्ताओ को भाजपा पार्टी ज्वॉइन करने की सलाह दे दी। इतना ही नही विधायक ने पार्टी मे आने के बाद आशा कार्यकर्त्ता को बड़ा पद दिलाने का ऑफर भी दिया विधायक की इस सलाह को आशा कार्यकर्त्ता ने नकार दिया जिससे उनकी किरकिरी भी हुई आपको बता दे देवरी मे प्रधानमंत्री क जन्मदिवस क उपलक्ष्य मे स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा था जहा मानदेय ना मिलने से नाराज आशा कार्यकर्ताओ ने विधायक के सामने मानदेय दिलाने की गुहार लगाई जिसे पर विधायक की अजीब सलाह से सब आशा कार्यकर्त्ता दुखी हुई
जी हां सागर जिले की देवरी विधानसभा से भाजपा विधायक बृज बिहारी पटैरिया एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर चल रहे सेवा पखवाड़े के तहत आयोजित स्वास्थ्य शिविर में उन्होंने मानदेय की समस्या उठा रही एक आशा कार्यकर्ता को ऐसा ऑफर दे डाला, जिसने माहौल को चौंका दिया।
शनिवार को देवरी विधानसभा क्षेत्र के केसली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे, वहीं आशा कार्यकर्ता भी मौजूद थीं। आशा वर्करों ने मौके पर विधायक पटैरिया से अपनी सबसे बड़ी समस्या साझा की– मानदेय का भुगतान समय पर न मिलना।
संगीता चौकसे नामक आशा कार्यकर्ता ने विधायक के सामने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मेहनत करने के बावजूद उन्हें मानदेय नहीं मिल रहा है। इस पर विधायक ने भरोसा दिलाया कि वे मानदेय की समस्या को दूर कराने की कोशिश करेंगे।
चर्चा के दौरान विधायक पटैरिया ने अचानक संगीता चौकसे को सलाह दी कि अगर वह भाजपा से जुड़ जाएं, तो उन्हें संगठन में बड़ा पद दिलाया जा सकता है। इस ऑफर ने वहां मौजूद अन्य आशा कार्यकर्ताओं को भी हैरान कर दिया।
विधायक के प्रस्ताव पर संगीता चौकसे ने साफ शब्दों में मना कर दिया। उन्होंने कहा– अगर मैं भाजपा में शामिल हो जाऊं तो अधिकारी खुश हो जाएंगे, लेकिन बाकी आशा बहनों का क्या होगा ? हम जनता के बीच रहकर काम कर रहे हैं और अपने पद से ही संतुष्ट हैं। हमें किसी बड़े पद की जरूरत नहीं है।
आशा कार्यकर्ता के इस स्पष्ट जवाब के बाद विधायक पटैरिया असहज नजर आए। वहां मौजूद लोग भी इस बयान पर चुप्पी साधे रहे। कई कार्यकर्ताओं का कहना था कि समस्या का समाधान करने के बजाय विधायक ने राजनीति का रास्ता सुझाकर उन्हें निराश किया।
गौरतलब है कि आशा कार्यकर्ता लंबे समय से मानदेय बढ़ाने और समय पर भुगतान की मांग करती आ रही हैं। प्रदेशभर में कई बार वे धरना और आंदोलन भी कर चुकी हैं। ऐसे में देवरी विधायक का यह बयान उनकी परेशानियों का हल ढूंढने के बजाय राजनीतिक रंग देने जैसा माना जा रहा है।
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