Sagar News : बीना रेलवे अस्पताल परिसर में शनिवार दोपहर उस समय हड़कंप मच गया जब एक वार्ड बॉय ने खुद को आग के हवाले कर लिया। 35 वर्षीय मुकेश अहिरवार ने कथित रूप से तारपीन का तेल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया, जिसमें वह 40 प्रतिशत से अधिक झुलस गया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद उसे सागर जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
ड्यूटी पर न लौटने की नाराजगी बनी वजह
जानकारी के अनुसार, मुकेश अहिरवार नौ महीने पहले मुंगावली से बीना रेलवे अस्पताल में स्थानांतरित होकर आया था। शनिवार सुबह जब वह ड्यूटी पर पहुंचा, तो अस्पताल के बाहर अचानक गिर पड़ा और उसके सिर में चोट आ गई। अस्पताल स्टाफ ने प्राथमिक इलाज कर उसे भोपाल रेफर कर दिया। लेकिन मुकेश ने ज़िद की कि उसे ड्यूटी पर वापस ले लिया जाए। ड्यूटी डॉक्टर ने उसकी चोट और स्थिति को देखते हुए ड्यूटी पर रखने से साफ इंकार कर दिया। इसी बात से नाराज होकर वह घर चला गया।
दोपहर में लौटा और उठाया खौफनाक कदम
करीब दोपहर एक बजे, मुकेश कथित तौर पर शराब के नशे में अस्पताल वापस लौटा। वहां उसने स्टाफ से बहस की और अचानक गैलरी में तारपीन उड़ेलकर खुद को आग लगा ली। देखते ही देखते उसके कपड़े जलने लगे और अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई।
स्टाफ ने किसी तरह आग पर काबू पाया और गंभीर रूप से झुलसे मुकेश को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद सागर जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
जांच शुरू, स्टाफ पर लगे आरोप
घटना की सूचना मिलते ही जीआरपी पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। वहीं, घटना से अस्पताल परिसर में दहशत का माहौल बन गया।
इस बीच, वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के पदाधिकारी भी अस्पताल पहुंचे और घायल कर्मचारी की हालत जानी। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल स्टाफ की ओर से मुकेश को लंबे समय से प्रताड़ित किया जा रहा था, जिसके चलते उसने यह आत्मघाती कदम उठाया।
फिलहाल हालत गंभीर
डॉक्टरों ने बताया कि मुकेश का शरीर 40 प्रतिशत से अधिक जल चुका है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। फिलहाल उसे सागर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में इलाज दिया जा रहा है। यह घटना रेलवे अस्पताल की कार्यप्रणाली और कर्मचारी प्रबंधन संबंधों पर कई सवाल खड़े कर रही है।
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