बण्डा (मध्य प्रदेश)। नगर के बण्डा-बरायठा मार्ग पर स्थित जिला न्यायालय की दीवार के समीप हाल ही में लगाए गए टीनशेड ने स्थानीय नागरिकों के बीच चिंता और विवाद की स्थिति पैदा कर दी है। लोगों का आरोप है कि बिना किसी स्पष्ट प्रशासनिक अनुमति के अचानक ये टीनशेड न्यायालय की दीवार से सटे हुए रख दिए गए हैं, जो संवेदनशील स्थान होने के नाते सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं।
अवैध टीनशेड से सुरक्षा और मार्ग समस्या
स्थानीय लोग यह भी बता रहे हैं कि इन टीनशेडों के कारण न्यायालय परिसर के आसपास से गुजरने वाले राहगीरों को काफी असुविधा हो रही है। टीनशेड इस तरह लगाए गए हैं कि वे पैदल रास्ते को संकरा कर देते हैं, जिससे आवागमन प्रभावित होता है। कई लोगों का मानना है कि बिना किसी सरकारी आदेश या नगर परिषद की अनुमति के ऐसे निर्माण साफ़ अवैध हैं और न्यायालय के नजदीक इस तरह की मनमानी को सहन नहीं किया जाना चाहिए।
प्रशासन की चुप्पी से नाराजगी
वहीं, नगरवासियों में इस बात को लेकर भी रोष है कि इस पूरे मामले में स्थानीय प्रशासन और नगर परिषद ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया या कार्रवाई क्यों नहीं की है। लोगों का सवाल है कि आखिरकार ये टीनशेड कैसे और किसकी अनुमति से खड़े हो गए। कुछ नागरिकों को डर है कि ये अस्थायी टीनशेड धीरे-धीरे पक्के निर्माण का स्वरूप न ले लें, जिससे क्षेत्र में अतिक्रमण की समस्या और गहरी बढ़ सकती है।नगर परिषद की ओर से कार्रवाई की तैयारीनगर परिषद बण्डा के सहायक मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसी अहिरवार ने इस मामले पर कहा कि उन्हें न्यायाधीश साहब से बात हुई है और वे जल्द ही उन सभी अतिक्रमणधारियों को नोटिस जारी कर आवश्यक कार्रवाई करेंगे। उनका कहना था कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए ताकि न्यायालय परिसर की सुरक्षा और शांति बनी रहे।
न्यायालय परिसर की सुरक्षा आवश्यक
शहर के जागरूक वर्ग ने प्रशासन से अपील की है कि न्यायालय परिसर जैसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण या अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। यदि अनुमति के बिना कोई निर्माण या ढांचा खड़ा किया गया है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की कोई मनमानी न हो और न्यायालय परिसर का माहौल सुरक्षित और व्यवस्थित बना रहे।








