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सागर : लोकसेवा केंद्र की लापरवाही से छात्र परेशान, जाति प्रमाण पत्र अटके….

सागर/मालथौन : लोक सेवा गारंटी ...

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सागर/मालथौन : लोक सेवा गारंटी योजना का उद्देश्य लोगों को समय पर सुविधाएं उपलब्ध कराना है, लेकिन मालथौन का लोकसेवा केंद्र इस उद्देश्य पर खरा नहीं उतर रहा। यहाँ सेवाओं में लगातार लापरवाही देखने को मिल रही है। स्थिति यह है कि आवेदन करने के बाद आवेदक खुद अपने प्रकरण की जानकारी के लिए चक्कर काटते रहते हैं।

सबसे बड़ी लापरवाही स्कूलों के विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र से जुड़ी सामने आई है। कलेक्टर संदीप जीआर ने विद्यार्थियों के लिए शिविर आयोजित कराए थे, जिनमें लगभग तीन हजार छात्रों ने आवेदन किया था। लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद अब तक उनके जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जा सके। हैरानी की बात यह है कि कई विद्यालयों से एकत्रित किए गए आवेदन लोकसेवा केंद्र में मौजूद ही नहीं हैं। इन आवेदनों का क्या हुआ, इसका कोई स्पष्ट रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।

पूर्व में भी तहसीलदार स्तर पर इस केंद्र की शिकायतों की जांच हो चुकी है, जिसमें अनेक अनियमितताएं पाई गई थीं। सोमवार को राजस्व निरीक्षक दल ने एक बार फिर लोकसेवा केंद्र का निरीक्षण किया और लंबित आवेदनों की स्थिति जानी। टीम को संचालक से संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। इसके चलते केंद्र संचालक को 24 घंटे की मोहलत दी गई है, जिसमें स्पष्ट जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।

तहसीलदार कमलेश सतनामी ने बताया कि कलेक्टर द्वारा चलाए गए अभियान के तहत विद्यालयों से तीन हजार के करीब जाति प्रमाण पत्र के आवेदन मिले थे। इन आवेदनों की स्थिति जानने राजस्व निरीक्षक को भेजा गया था, लेकिन अपेक्षित जानकारी नहीं मिल पाई। अब बीआरसी कार्यालय से भी विवरण मांगा गया है, ताकि पूरी सच्चाई सामने लाई जा सके।

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हमारे बारे में योगेश दत्त तिवारी पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं और मीडिया की दुनिया में एक विश्वसनीय और सशक्त आवाज के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। अपने समर्पण, निष्पक्षता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता के चलते उन्होंने पत्रकारिता में एक मजबूत स्थान बनाया है। पिछले 15 वर्षों से वे प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र 'देशबंधु' में संपादक के रूप में कार्यरत हैं। इस भूमिका में रहते हुए उन्होंने समाज के ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है और पत्रकारिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। उनकी लेखनी न सिर्फ तथ्यपरक होती है, बल्कि सामाजिक चेतना को भी जागृत करती है। योगेश दत्त तिवारी का उद्देश्य सच्ची, निष्पक्ष और जनहितकारी पत्रकारिता को बढ़ावा देना है। उन्होंने हमेशा युवाओं को जिम्मेदार पत्रकारिता के लिए प्रेरित किया है और पत्रकारिता को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम माना है। उनकी संपादकीय दृष्टि, विश्लेषणात्मक क्षमता और निर्भीक पत्रकारिता समाज के लिए प्रेरणास्रोत रही है।
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