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पुराने सीएचसी भवन में पोस्टमार्टम की तैयारी से मचा बवाल, नगरवासियों और भीम आर्मी ने जताया कड़ा विरोध

पुराने सीएचसी भवन में पोस्टमार्टम ...

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पुराने सीएचसी भवन में पोस्टमार्टम की तैयारी से मचा बवाल, नगरवासियों और भीम आर्मी ने जताया कड़ा विरोध

बंडा (सागर)। नगर के पुराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) भवन में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। स्थानीय नागरिकों और संगठनों ने इसका विरोध करते हुए सवाल उठाया कि जब नगर में पहले से ही पोस्टमार्टम घर मौजूद है तो पुराने सीएचसी भवन का उपयोग इस उद्देश्य के लिए क्यों किया जा रहा है।

ओपीडी चालू करने का था आदेश, फिर क्यों हुआ उल्टा इस्तेमाल?

जानकारी के मुताबिक, सीएमएचओ द्वारा 27 जून 2025 को जारी आदेश में स्पष्ट उल्लेख था कि क्षेत्रवासियों की सुविधा के लिए पुराने सीएचसी भवन में डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाए और वहां ओपीडी सेवाएं संचालित की जाएं। इसका मकसद यह था कि नगर के बीचों-बीच स्थित इस भवन से आम लोगों को नजदीक ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।

लेकिन 14 सितंबर को स्थिति इसके ठीक उलट देखने को मिली। पुराने सीएचसी भवन में अचानक पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। जैसे ही यह खबर नगर में फैली, अफरा-तफरी मच गई और लोगों ने विरोध जताना शुरू कर दिया।

भीम आर्मी ने किया हस्तक्षेप

मामले की जानकारी मिलते ही बहुजन भीम आर्मी के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। संगठन के जिलाध्यक्ष पुष्पेंद्र अहिरवार ने कहा कि, “पुराने सीएचसी भवन को ओपीडी के लिए चालू रखने का आदेश पहले ही जारी किया गया था, फिर किस अधिसूचना और किसके आदेश से यहां पोस्टमार्टम किया जा रहा है? जब नगर के मुक्तिधाम के पास पहले से पोस्टमार्टम घर मौजूद है तो उसका उपयोग क्यों नहीं किया गया?”

क्षेत्रवासियों की नाराजगी

गौरतलब है कि बंडा में अब नया सिविल अस्पताल बांदरी रोड पर संचालित हो रहा है, जो नगर से करीब 4 किलोमीटर दूर है। ऐसे में लोगों ने कई बार मांग उठाई थी कि पुराने सीएचसी भवन को पूरी तरह बंद न किया जाए और वहां डॉक्टरों की ड्यूटी लगाकर ओपीडी सेवाएं जारी रखी जाएं, ताकि मरीजों को सुविधा मिल सके। इसी को लेकर नागरिकों ने पहले भी पैदल मार्च निकालकर विधायक और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था।

विधायक वीरेन्द्र सिंह ने भी इस समस्या को गंभीर मानते हुए सीएमएचओ को पत्र लिखा था। लेकिन आदेश के बावजूद पुराने भवन का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं के बजाय पोस्टमार्टम के लिए किए जाने से असंतोष और बढ़ गया।

आखिरकार विरोध के बाद बदला निर्णय

विवाद गहराने के बाद अंततः मृतक का पोस्टमार्टम नगर में पहले से मौजूद पोस्टमार्टम घर में ही किया गया। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासन की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि यदि सीएमएचओ के आदेश का पालन नहीं होता है तो फिर स्वास्थ्य सेवाओं का क्या होगा और नगरवासियों को कब तक असुविधा झेलनी पड़ेगी।

संगठनों और नागरिकों की मांग

क्षेत्रवासियों और संगठनों ने एक बार फिर मांग दोहराई है कि पुराने सीएचसी भवन को पूरी तरह से चालू किया जाए, वहां डॉक्टरों की ड्यूटी नियमित लगे और ओपीडी सेवाएं शुरू हों। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इस भवन का इस्तेमाल पोस्टमार्टम के लिए न किया जाए।

इस मौके पर बहुजन भीम आर्मी के संभागीय प्रभारी लक्ष्मण अहिरवार, जिलाध्यक्ष पुष्पेंद्र अहिरवार, जिला महासचिव कृष्ण कुमार अहिरवार, जिला सचिव कुलदीप चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष आकाश चौधरी, आजाद समाज पार्टी के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अतुल बाल्मीकि और प्रशांत सेन सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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