जबलपुर: एक तरफ कॉलेज की पढ़ाई, दूसरी तरफ चार साल पुराना रिश्ता… और जब दोनों के बीच भरोसा टूटा, तो नतीजा पहुंचा सीधा अस्पताल। जबलपुर के रांझी थाना क्षेत्र में एक युवक ने कॉलेज से लौट रही छात्रा पर गिफ्ट देने के बाद पेचकस से हमला कर दिया। हमले के बाद आरोपी को जुलूस निकालकर घटनास्थल पर ले जाया गया। यह वही जगह थी, जहां उसने छात्रा पर वार किया था।
पूरा मामला प्रेम संबंध और झूठे आरोपों से उपजे तनाव का बताया जा रहा है। आरोपी मनीष उर्फ मोनू कोल (21) और पीड़ित युवती एक ही मोहल्ले में रहते हैं। दोनों के बीच करीब चार साल से दोस्ती थी। एक-दूसरे के घर आना-जाना आम बात थी, यहां तक कि परिवार भी इस दोस्ती से परिचित थे।
बरगी डैम से बिगड़े रिश्ते
करीब दस दिन पहले दोनों बरगी डैम घूमने गए थे। लेकिन वहां किसी बात पर विवाद हो गया। गुस्से में छात्रा ने मोनू का मोबाइल और बाइक की चाबी डैम में फेंक दी। इसके बाद दोनों रातभर घर नहीं लौटे। अगले दिन सुबह पांच बजे मनीष ने अपने बड़े भाई को फोन कर पूरी बात बताई।
इसके बाद मनीष का भाई और युवती के पिता बरगी पहुंचे और दोनों को साथ में वापस लाया गया। युवती ने अपने पिता को बताया कि मनीष उसे जबरन डैम ले गया था। इस बात ने मनीष को अंदर तक आहत कर दिया कि उसके भरोसे को तोड़कर, उसके अपने परिवार के सामने ही झूठ बोल दिया गया।
झूठ ने तोड़ा मनोबल, गुस्से में किया हमला
1 अगस्त की शाम जब छात्रा कॉलेज से पैदल घर लौट रही थी, तभी विश्वकर्मा मोहल्ले के पास मनीष ने उसे रोका। पहले तो उसने एक गिफ्ट दिया, जो छात्रा ने अपने बैग में रख लिया। फिर अचानक पेचकस निकालकर गले के पास वार कर दिया। हमले के बाद मनीष एक दोस्त की बाइक से भाग निकला और पनागर के पास झुरझुरु नहर तक पहुंचा। वहां एक राहगीर से मोबाइल लेकर अपने भाई को कॉल कर घटना की जानकारी दी।
स्थानीय महिला ने बताया कि उसने मनीष को युवती को गिफ्ट देते देखा था, लेकिन हमला होते नहीं देखा। दूसरी महिला ने कहा कि युवती को पैदल जाते देखा था लेकिन घटना की जानकारी बाद में मिली।
परिवार ने बताया गहरी दोस्ती
आरोपी की भाभी ने पुष्टि की कि युवती का घर आना जाना आम बात थी। कभी नाश्ता करती, कभी कॉलेज से लौटते समय कुछ देर रुकती। उन्होंने यह भी बताया कि बरगी डैम वाले दिन जब देर रात तक दोनों वापस नहीं आए, तो युवती घबरा गई और पिता को मनीष का फोन देकर बात करवाई। लेकिन पिता से उसने यह कह दिया कि मनीष उसे जबरन ले गया था, जिससे मनीष अपमानित महसूस करने लगा।
पुलिस ने निकाला घटनास्थल पर जुलूस
हमले के बाद पुलिस ने मनीष को हिरासत में लिया और रविवार को घटनास्थल तक जुलूस में लेकर गई। मेडिकल कॉलेज में भर्ती छात्रा अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह साफ हुआ कि मामला एकतरफा प्रेम और भावनात्मक टूटन का है।
मनीष जबलपुर के व्हीकल फैक्ट्री से अटैच कार चालक के रूप में काम करता है और उसके खिलाफ पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। लेकिन छात्रा द्वारा उसके परिवार के सामने झूठे आरोप लगाने से वह अंदर ही अंदर टूट गया और फिर उसने यह खौफनाक कदम उठा लिया।