सागर में नर्सिंग छात्राओं को आखिर क्यों खून से लिखना पड़ा पीएम को पत्र ?
सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (BMC) की नर्सिंग छात्राओं ने सोमवार को नियुक्ति न मिलने के विरोध में सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। बीएमसी गेट के सामने लगभग 30 छात्राएं सुबह 10:30 बजे धरने पर बैठ गईं। खास बात यह रही कि छात्राओं ने इंजेक्शन से अपना खून निकालकर प्रधानमंत्री और प्रशासन को संबोधित पत्र लिखा। खून से लिखे गए इस पत्र में उन्होंने लिखा – “प्रधानमंत्री जी, हम बेटियों को परेशान करना बंद करो और हमारी नियुक्ति दी जाए।”
20 महीने से नियुक्ति का इंतजार
छात्राओं ने बताया कि उन्होंने 2018-19 में बीएमसी से नर्सिंग कोर्स जॉइन किया था और 2022-23 में चार वर्षीय प्रशिक्षण पूरा कर लिया। अनुबंध के अनुसार उन्हें नर्सिंग ऑफिसर पद पर नियुक्त किया जाना था, लेकिन बीते 20 महीनों से केवल आश्वासन ही मिल रहे हैं। डिप्टी सीएम, क्षेत्रीय विधायक, कलेक्टर, डीन और भोपाल के अधिकारियों तक कई बार ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन नियुक्ति की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी।
मजबूरी में किया चक्काजाम
सोमवार को छात्राओं ने कॉलेज गेट के सामने बैठकर चक्काजाम कर दिया। उनका कहना है कि वे लंबे समय से अपनी समस्या लेकर जिम्मेदारों से गुहार लगा रही हैं, लेकिन सिर्फ “जल्द होगा” कहकर टाल दिया जाता है। ऐसे में मजबूर होकर अब सड़क पर उतरना पड़ा है।
उधार लेकर की पढ़ाई, अब परिवार संकट में
धरने पर बैठी छात्रा सुहानी पांडे ने बताया कि उनकी और अन्य सहपाठियों की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। “हम 30 छात्राएं हैं, सभी ने बड़ी मुश्किल से फीस भरी। कई माता-पिता ने कर्ज लेकर हमें पढ़ाया ताकि नौकरी मिलने पर घर की स्थिति सुधर सके। लेकिन पढ़ाई पूरी हुए दो साल हो गए, नियुक्ति आज तक नहीं मिली। परिवार अब कर्ज के बोझ तले दब गया है।”
खून से लिखा विरोध-पत्र
प्रदर्शन के दौरान छात्राओं ने अपने खून से पत्र लिखकर सरकार तक अपनी पीड़ा पहुंचाने का प्रयास किया। उन्होंने स्लोगन लिखे – बेटियों को इंसाफ दो “नियुक्ति कब तक रोकोगे”। छात्राओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द नियुक्ति नहीं मिली तो वे भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगी।
प्रशासन की अनदेखी पर उठे सवाल
लगातार ज्ञापन और विरोध के बावजूद कार्रवाई न होने से छात्राओं का आक्रोश बढ़ गया है। उनका कहना है कि सरकार और प्रशासन की लापरवाही से उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है। छात्राओं ने साफ कहा है कि जब तक नियुक्ति नहीं मिलती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।