होम देश / विदेश मध्यप्रदेश राजनीति धर्म/अध्यात्म ऑटोमोबाइल सरकारी योजना खेल समाचार
By
On:

Suraj Sen

Published on:

क्या आप जानते है क्या है अमावस्या क्या है इसका महत्व ओर विशेषता ?

क्या आप जानते है क्या ...

[post_dates]

Reporter

Published on:

[featured_caption]

क्या आप जानते है क्या है अमावस्या क्या है इसका महत्व ओर विशेषता ?

हिंदू धर्म में अमावस्या एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है, जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि आध्यात्मिक साधना, पितृ तर्पण और ज्योतिषीय प्रभावों के लिए भी विशिष्ट स्थान रखती है। यह वह दिन होता है जब चंद्रमा आकाश में पूरी तरह से अदृश्य हो जाता है और रात का अंधकार अपने चरम पर होता है।

 क्या है अमावस्या?

अमावस्या, हिंदू पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष का अंतिम दिन होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच इस प्रकार स्थित होता है कि उसका प्रकाशित भाग पृथ्वी से दिखाई नहीं देता। खगोल विज्ञान में इसे New Moon (न्यू मून) कहा जाता है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होते हैं, जिससे यह दिन ज्योतिषीय रूप से भी विशेष बन जाता है।

धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

पितृ पूजन का दिन

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या पितरों की पूजा और तर्पण के लिए सबसे उपयुक्त दिन होता है। यह विश्वास किया जाता है कि इस दिन पूर्वजों की आत्माएं अपने परिजनों के समीप आती हैं और उन्हें श्रद्धा व तर्पण से शांति प्राप्त होती है।

विशेषकर भाद्रपद मास की अमावस्या, जिसे महालया अमावस्या कहा जाता है, पितृपक्ष का अंतिम दिन होती है और पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।

साधना, ध्यान और उपासना का आदर्श समय

अमावस्या की रात्रि शांत, रहस्यमयी और ऊर्जा से परिपूर्ण मानी जाती है। यही कारण है कि इस दिन तंत्र-मंत्र, ध्यान और गहन साधना करने वाले साधकों के लिए यह समय विशेष रूप से प्रभावशाली होता है। कई भक्त भगवान शिव, माता काली और अन्य शक्ति स्वरूपों की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं।

🔹 दीपावली: अमावस्या का उत्सव

कार्तिक अमावस्या को दीपावली के रूप में मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की पूजा कर घरों को दीपों से रोशन किया जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय और समृद्धि की शुरुआत का प्रतीक है।

ज्योतिष और प्रकृति में अमावस्या का प्रभाव

ज्योतिषशास्त्र में अमावस्या को नई शुरुआत और आत्मचिंतन का समय माना जाता है। कुछ लोग इसे अशुभ मानते हैं और इस दिन बड़े कार्यों को शुरू करने से बचते हैं। साथ ही, इस दिन समुद्र में ज्वार-भाटा की तीव्रता भी बढ़ जाती है, जो सूर्य और चंद्रमा के संयुक्त गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के कारण होता है। यह अमावस्या की प्राकृतिक शक्ति को दर्शाता है।

साल में कितनी बार आती है अमावस्या?

 

हिंदू पंचांग चंद्रमास आधारित होता है, इसलिए सामान्यतः एक वर्ष में 12 अमावस्याएं होती हैं। लेकिन जब अधिक मास (पुरुषोत्तम मास) पड़ता है, तो यह संख्या बढ़कर 13 अमावस्या तक हो सकती है।

 प्रमुख अमावस्या तिथियां और उनका महत्व

अमावस्या विशेषता

कार्तिक अमावस्या दीपावली, लक्ष्मी पूजन और धन की देवी की कृपा का दिन

महालया अमावस्या पितृपक्ष का समापन, पूर्वजों को श्रद्धांजलि

मौनी अमावस्या माघ मास में मौन व्रत और गंगा स्नान का महत्व

सर्वपितृ अमावस्या जिन पितरों की मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं, उनके लिए श्राद्ध

शनि अमावस्या शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या, शनि पूजा और दान का विशेष महत्व

 

अमावस्या: आत्मशुद्धि और श्रद्धा का प्रतीक

 

अमावस्या केवल एक खगोलीय घटना नहीं है, यह आत्मशुद्धि, पितृ भक्ति और साधना का अद्वितीय अवसर है। यह दिन हमें अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने, आध्यात्मिक रूप से स्वयं को सशक्त करने और प्रकृति के चक्रों के साथ तालमेल बिठाने की प्रेरणा देता है।

अमावस्या न केवल धार्मिक अनुष्ठानों का दिन है, बल्कि यह आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर, नवचिंतन और आत्मनिरीक्षण का एक उपयुक्त अवसर भी है। यह तिथि हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का मार्ग दिखाती है।

Loading

Join our WhatsApp Group
Reporter

मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
Reporter