MP NEWS : मध्यप्रदेश में अब विकास की रफ्तार और तेज करने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके तहत प्रदेश के हर जिले में विधायक और सांसद अब अपने क्षेत्रों की मासिक समीक्षा करेंगे। वे हर महीने विकास कार्यों की स्थिति पर नजर रखेंगे और जिले में हो रहे कार्यों की प्रगति की पूरी जानकारी लेंगे।
इस समीक्षा प्रक्रिया में जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी और अन्य जनप्रतिनिधि भी सक्रिय रूप से शामिल रहेंगे। इस पूरी समीक्षा का सारांश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भेजा जाएगा, ताकि भविष्य की विकास योजनाओं को उस रिपोर्ट के आधार पर और बेहतर तरीके से तैयार किया जा सके।
जनप्रतिनिधि खुद बनेंगे विकास के मार्गदर्शक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। विधायक हर महीने क्षेत्र की समीक्षा कर उन कामों की सिफारिश करें जो आम जनता के हित में हों। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि अफसरों और जनप्रतिनिधियों के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए ताकि हर विधानसभा क्षेत्र को आदर्श बनाया जा सके। इसके लिए जिला स्तर पर नियमित बैठकें हों और एक ठोस विकास रोडमैप तैयार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से आधुनिक तकनीक का बेहतर उपयोग करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि सांसद और विधायक ऐसी व्यवस्था बनाएं ताकि वे अपने कार्यालय से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से सीधे संवाद कर सकें। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे जनता से सीधा संपर्क बनाएं और सभी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर अपने क्षेत्र के विकास को गति दें।
फ्लैगशिप योजनाओं पर होगी विशेष नजर
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता वाली योजनाओं को हर जरूरतमंद तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि किसानों, महिलाओं, गरीबों और युवाओं को उनकी पात्रता के अनुसार इन योजनाओं का पूरा लाभ मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे खुद इन फ्लैगशिप योजनाओं की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना से वंचित न रहे।
मंत्री भी करेंगे अपने विभागों की समीक्षा
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार के मंत्री अपने-अपने विभागों की हर महीने बारीकी से समीक्षा करेंगे। मंत्री यह देखेंगे कि सांसदों और विधायकों ने जिन कार्यों की सिफारिश की है, उन पर अमल हो रहा है या नहीं। यदि कोई मामला कैबिनेट में भेजना होगा, तो उसका प्रस्ताव भी समय पर तैयार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक जिले के विकास के लिए अलग से रोडमैप बनाया जाए और विकास कार्यों को विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र के हिसाब से भी बांटा जाए ताकि कार्य अधिक व्यवस्थित और समयबद्ध तरीके से पूरे किए जा सकें।
इस नई व्यवस्था से उम्मीद की जा रही है कि विकास कार्यों की रफ्तार में तेजी आएगी और आम जनता को समय पर योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।