MP News : बालाघाट। गुरुवार को जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने रिश्वतखोरी के एक मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए जनपद पंचायत परसवाड़ा के ग्राम पंचायत खरपड़िया के सचिव और ग्राम पंचायत उकवा के प्रभारी सचिव योगेश हिरवाने को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। टीम ने आरोपी को ग्राम पंचायत उकवा के सामने सड़क पर 50 हजार रुपये लेते हुए पकड़ा।
शिकायत के बाद बिछाया गया जाल
लोकायुक्त को यह कार्रवाई शिकायतकर्ता अंकुश चौकसे की शिकायत पर करनी पड़ी। शिकायतकर्ता ने बताया कि शासन से उन्हें एक डिसमिल की आबादी भूमि का पट्टा आवंटित हुआ था, जिस पर वे मकान निर्माण करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने ग्राम पंचायत उकवा से एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) मांगा था।
लेकिन सचिव योगेश हिरवाने ने एनओसी देने के बदले 2 लाख रुपये की रिश्वत की मांग कर दी। लंबे समय तक टालमटोल के बाद सचिव ने पहली किस्त के रूप में 50 हजार रुपये तुरंत देने की बात कही। इसके बाद शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त जबलपुर से संपर्क किया और पूरी घटना की जानकारी दी।
मौके पर हुई कार्रवाई
लोकायुक्त टीम ने शिकायत की पुष्टि करने के लिए जाल बिछाया। गुरुवार सुबह तय स्थान — ग्राम पंचायत उकवा के पास सड़क किनारे जैसे ही सचिव योगेश हिरवाने ने शिकायतकर्ता से 50 हजार रुपये लिए, टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।
टीम ने रिश्वत की रकम बरामद कर आरोपी सचिव को गिरफ्तार किया और आगे की जांच के लिए उसे बैहर ले जाया गया।
आगे की जांच जारी
लोकायुक्त अधिकारियों का कहना है कि आरोपी से पूछताछ जारी है और मामले में अन्य संबंधित लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। प्रारंभिक साक्ष्य के आधार पर सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह कार्रवाई एक बार फिर यह दिखाती है कि प्रशासनिक पदों पर बैठे कुछ अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर जनता से अवैध वसूली करने से नहीं चूकते। लोकायुक्त की यह त्वरित कार्रवाई स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा संदेश दे रही है।








