बीना। सिविल अस्पताल में सोमवार देर रात ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सौरभ जैन और मरीज के परिजन आदित्य यादव के बीच विवाद बढ़कर कथित मारपीट तक पहुँच गया। घटना के बाद अस्पताल परिसर में तनाव का माहौल बन गया, जबकि मंगलवार दोपहर मामला और तूल पकड़ गया जब अस्पताल का पूरा स्टाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए थाने पहुँच गया।
डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने की निष्पक्ष जांच की मांग
करीब दोपहर 3 बजे बड़ी संख्या में डॉक्टर, नर्सिंग टीम और अस्पताल के पैरामेडिकल स्टाफ बीना थाने पहुँचे। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने कहा कि उनके साथी डॉक्टर सौरभ जैन पर लगाए गए मारपीट के आरोप गलत हैं और पुलिस को मामले की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। उनका कहना था कि लगातार मेडिकल कर्मचारियों पर हमले बढ़ रहे हैं और सुरक्षा को लेकर स्थिति चिंताजनक होती जा रही है।
सूचना मिलते ही एसडीएम विजय डेहरिया और एसडीओपी नितेश पटेल तुरंत थाने पहुंचे। प्रभारी बीएमओ डॉ. दीपक तिवारी ने अधिकारियों को रात की घटना का क्रमवार विवरण दिया। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने डॉक्टरों और शिकायतकर्ता दोनों की बात सुनकर निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया।
डॉक्टरों ने चेताया तीन दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो काम बंद करेंगे
थाने पहुँचे चिकित्सकों ने साफ कहा कि यदि 3 दिनों के भीतर इस मामले में ठोस और स्पष्ट कार्रवाई नहीं होती है, तो वे अस्पताल में काम बंद करने के लिए मजबूर होंगे। अस्पताल स्टाफ का कहना है कि इलाज के दौरान डॉक्टरों के साथ अभद्रता और हमला कोई नई बात नहीं रह गई है, और यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए तो हालात बिगड़ते जाएंगे।
डॉ. सौरभ जैन ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
पुलिस के सामने अपना पक्ष रखते हुए डॉ. सौरभ जैन ने कहा कि आदित्य यादव ने मरीज के स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देने के बजाय उल्टा विवाद किया। जैन के अनुसार उन्होंने सिर्फ उपचार के लिए आवश्यक जानकारी पूछी थी, लेकिन आदित्य यादव किसी अन्य डॉक्टर को दिखाए जाने की जिद पर अड़ गए और उसके बाद विवाद बढ़ गया। जैन ने ज़ोर देकर कहा कि उन्होंने किसी के साथ मारपीट नहीं की।
वीडियो साक्ष्य भी पुलिस जांच का हिस्सा
टीआई अनूप यादव ने बताया कि घटना से संबंधित जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी गई है और पूरे मामले में मिले निर्देशों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आदित्य यादव की ओर से उपलब्ध कराए गए कथित मारपीट के वीडियो भी जांच में शामिल किए गए हैं, और सभी साक्ष्यों की जांच के बाद ही आगे की स्थिति स्पष्ट होगी।
अस्पताल स्टाफ की बड़ी मौजूदगी
थाने में विरोध के दौरान डॉ. हेमंत पलिया, डॉ. नेहा जैन, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों की बड़ी संख्या मौजूद रही। वहीं, पुलिस और प्रशासन अगले कुछ दिनों में मामले की दिशा तय करने वाली कार्रवाई को लेकर दबाव में दिखाई दे रहा है।








