सागर। करीब सात साल पुराने एक सनसनीखेज हत्या के मामले में कोर्ट ने चार लोगों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश आरएल शाक्य की अदालत ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी गोल्डी राजा उर्फ युवराज (पिता- गजराज सिंह), धर्मेंद्र (पिता- प्रतिपाल सिंह), नरेश (पिता- हल्कू यादव) और राजू राजा उर्फ लाखन (पिता- जाहर सिंह) को उम्रभर जेल में रखने के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया है।
इस केस की पैरवी सरकार की ओर से वरिष्ठ एडीपीओ ताहिर खान ने की थी। वारदात की गंभीरता को देखते हुए इसे बेहद नृशंस और चौंकाने वाले मामलों की श्रेणी में रखा गया था।
क्या था पूरा मामला
14 दिसंबर 2017 को काशीराम रैकवार नामक व्यक्ति ने बरायठा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने बताया कि एक दिन पहले यानी 13 दिसंबर की सुबह गांव में खबर फैली थी कि धसान नदी के गौरेया घाट पर किसी अज्ञात युवक का शव पड़ा है। जब काशीराम वहां पहुंचा तो देखा कि नदी के सूखे हिस्से में पत्थरों के बीच युवक की लाश पड़ी थी। युवक के सिर और चेहरे को पत्थरों से इस कदर कुचला गया था कि पहचान करना बेहद मुश्किल हो गया था। मौके से काले रंग की जैकेट, नीला लोअर, हरी टॉर्च, काला मोबाइल फोन और एक पर्स बरामद हुआ था।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा बनाया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। रिपोर्ट में साफ हुआ कि मृतक हरदेव की मौत पहले मारपीट और फिर गोली लगने से हुई थी। जांच में पता चला कि घटना वाले दिन गोल्डी राजा ने हरदेव को फोन कर बुलाया था। हरदेव जब उससे मिलने पहुंचा तो वहां पहले से ही धर्मेंद्र, नरेश और राजू राजा मौजूद थे। चारों ने मिलकर हरदेव की बेरहमी से हत्या कर दी और पहचान मिटाने के लिए उसके सिर और चेहरे को पत्थरों से कुचल दिया।
पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ़्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने गवाह, फॉरेंसिक रिपोर्ट, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट समेत सारे सबूत कोर्ट के सामने रखे। इन्हीं सबूतों के आधार पर अदालत ने चारों को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुना दी