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सागर : ऑपरेशन के बाद महिला की मौत, परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही के लगाए आरोप, न्याय की गुहार लगाई

सागर : शहर के एक ...

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सागर : शहर के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद एक महिला की मौत का मामला सामने आया है। मृत महिला के परिजनों ने अस्पताल की संचालिका और ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। इस घटना के बाद मृतका के परिवार ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर जनसुनवाई में आवेदन दिया और कलेक्टर से दोषी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

दरअसल सागर के बिहारीपुरा क्षेत्र की रहने वाली आजाद रानी चढ़ार का ऑपरेशन शहर के मीरा अस्पताल में डॉक्टर मोनिका जैन द्वारा किया गया था। परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन से पहले आजाद रानी का हीमोग्लोबिन स्तर महज 6.3 था, इसके बावजूद डॉक्टर ने जल्दबाजी में सर्जरी कर दी, जबकि ऑपरेशन टालने का पूरा समय था। परिजनों ने बताया कि ऑपरेशन से पहले कराई गई सोनोग्राफी रिपोर्ट में सिर्फ बच्चेदानी में गांठ पाई गई थी, कोई अन्य गंभीर समस्या नहीं थी। मृतका के पति बिंदे चढ़ार ने बताया कि ऑपरेशन 6 मई को किया गया, लेकिन सर्जरी के तुरंत बाद आजाद रानी की तबीयत बिगड़ने लगी। पेट में सूजन आ गई और स्वास्थ्य लगातार गिरता गया। इसके बावजूद डॉक्टर मोनिका जैन इसे मामूली गैस की समस्या बताकर इलाज करती रहीं। परिजनों ने कहा कि ऑपरेशन के बाद ना तो खून की कमी का सही उपचार किया गया और ना ही स्थिति की गंभीरता को समय रहते पहचाना गया। बिंदे चढ़ार के अनुसार, जब हालत और खराब हुई तो 11 मई को दोबारा सोनोग्राफी करवाई गई, जिसमें लिवर में सूजन, आंतों में रुकावट और पेट में पानी भरने की पुष्टि हुई। यह स्थिति ऑपरेशन से पहले नहीं थी, जिससे परिजनों को यकीन हो गया कि ऑपरेशन के दौरान गंभीर लापरवाही हुई है। स्थिति बिगड़ती देख परिजन मरीज को सागर के एक अन्य डॉक्टर अनिल तिवारी के पास ले गए, जहां जांच में बताया गया कि हालत बेहद नाजुक है। इसके बाद मरीज को भोपाल रेफर किया गया। भोपाल के डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान मरीज की आंत कट गई थी, जिसकी वजह से उसकी हालत लगातार खराब होती गई। परिजनों का आरोप है कि सागर में डॉक्टर मोनिका जैन ने इसे सिर्फ गैस की समस्या मानकर समय खराब किया और सही इलाज नहीं दिया।

परिजनों ने मोतीनगर थाने में भी इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। बिंदे चढ़ार का कहना है कि घटना की जांच पिछले एक महीने से चल रही है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इस वजह से वे मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे और जनसुनवाई में अपनी बात रखते हुए कलेक्टर से डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और न्याय दिलाने की मांग की।

परिवार का स्पष्ट आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण आजाद रानी की जान गई। अब वे इस मामले में न्याय के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं।

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हमारे बारे में योगेश दत्त तिवारी पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं और मीडिया की दुनिया में एक विश्वसनीय और सशक्त आवाज के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। अपने समर्पण, निष्पक्षता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता के चलते उन्होंने पत्रकारिता में एक मजबूत स्थान बनाया है। पिछले 15 वर्षों से वे प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र 'देशबंधु' में संपादक के रूप में कार्यरत हैं। इस भूमिका में रहते हुए उन्होंने समाज के ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है और पत्रकारिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। उनकी लेखनी न सिर्फ तथ्यपरक होती है, बल्कि सामाजिक चेतना को भी जागृत करती है। योगेश दत्त तिवारी का उद्देश्य सच्ची, निष्पक्ष और जनहितकारी पत्रकारिता को बढ़ावा देना है। उन्होंने हमेशा युवाओं को जिम्मेदार पत्रकारिता के लिए प्रेरित किया है और पत्रकारिता को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम माना है। उनकी संपादकीय दृष्टि, विश्लेषणात्मक क्षमता और निर्भीक पत्रकारिता समाज के लिए प्रेरणास्रोत रही है।
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