गौरझामर (सागर)। नेशनल हाईवे-26 पर स्थित गौरझामर के पास एक पुराने और पूजनीय पीपल वृक्ष की अज्ञात रूप से कटाई ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। यह पेड़ न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से अहम था, बल्कि क्षेत्रीय लोगों की धार्मिक आस्था और भावनाओं का भी केंद्र था।
मामला तिगरा पुल के पास सागर रोड पर एक नवगठित कॉलोनी से जुड़ा है, जहां भूमाफियाओं द्वारा बिना किसी सरकारी अनुमति के प्लॉटिंग का कार्य किया जा रहा है। लोगों का आरोप है कि इस अवैध कॉलोनी के निर्माण में बाधा बन रहे पीपल के पेड़ को निर्ममता से काट डाला गया।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह पेड़ वर्षों से वहां खड़ा था और नियमित पूजा-अर्चना का केंद्र भी था। इसे बिना किसी सूचना या प्रशासनिक अनुमति के काटा जाना धार्मिक भावनाओं पर चोट है। ग्रामीणों ने इसे आस्था और संस्कृति का अपमान बताते हुए विरोध जताया है।
अवैध कॉलोनी और प्रशासन की अनदेखी
ग्राम पंचायत बिजोरा की कृषि भूमि पर कॉलोनाइजर अवैध रूप से प्लॉट बेचने में लगे हुए हैं। न तो प्लॉटिंग के लिए किसी विभागीय मंजूरी ली गई है और न ही कॉलोनी में मूलभूत सुविधाओं—जैसे सड़क, नाली, पानी, बिजली या पार्क की कोई व्यवस्था है। भू-माफिया मुरम डालकर सड़क जैसी बनावट तैयार कर रहे हैं ताकि लोगों को आकर्षित किया जा सके।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक इस जमीन की खरीद-फरोख्त में काले धन का प्रयोग हुआ है और ईमानदारी से जीवन भर की पूंजी लगाकर प्लॉट खरीदने वाले लोग अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
धार्मिक संगठनों और नागरिकों की मांग
इस पूरे घटनाक्रम से आहत लोगों का कहना है कि पीपल का पेड़ सिर्फ एक पेड़ नहीं था, वह धार्मिक आस्था का जीवंत प्रतीक था। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियम लागू हों।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मामले पर प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच की बात कही है।
एसडीओ पीडब्ल्यूडी देवरी यूएस तिवारी ने कहा:
“आपके द्वारा जानकारी मिलने पर हम मौके का निरीक्षण करेंगे और जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।”
एसडीएम देवरी मुन्नवर खान ने कहा:
“प्रकरण की जानकारी प्राप्त हुई है, जल्द ही जांच करवाई जाएगी।”








