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सागर में गोल्डन फार्मर ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर कंपनी पर बड़ी कार्रवाई, बिना लाइसेंस खाद बेचने पर एफआईआर दर्ज

सागर। जिले के मकरोनिया स्थित ...

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सागर। जिले के मकरोनिया स्थित गोल्डन फार्मर ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खिलाफ किसानों की लगातार मिल रही शिकायतों ने आखिरकार प्रशासन को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। कृषि विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने कंपनी की गहन जांच की, जिसमें कई गंभीर अनियमितताएँ सामने आईं। इसी आधार पर कंपनी प्रबंधन और उसके कर्मचारियों पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

किसानों की शिकायत पर शुरू हुई कार्रवाई

ग्राम चनौआ और रतनपुरा (गढ़ाकोटा) के कई किसानों ने विभाग को बताया था कि कंपनी द्वारा बेची जा रही खाद—खासकर प्रोम और जाइम—की गुणवत्ता बेहद खराब है। उनका कहना था कि महंगी कीमत पर खरीदी गई खाद से फसल में कोई सुधार नहीं हुआ, जिससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा।

इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए विभागीय टीम ने किसानों के खेतों का निरीक्षण किया और उनसे तथ्यात्मक बयान दर्ज किए।

जांच में खुलासा: बिना लाइसेंस बेचा जा रहा था खाद

जांच के दौरान यह पाया गया कि कंपनी के संचालकों लवलेश सिंह राजपूत, शोभाराम लोधी, सलिल दुबे साथ ही कर्मचारी आशीष चौबे और राजकुमार सेन द्वारा बिना किसी वैध लाइसेंस के खाद की खरीद-फरोख्त की जा रही थी।

खासतौर पर चिंता की बात यह रही कि कंपनी द्वारा बेचे जा रहे प्रोम और जाइम खाद में कंकर और पत्थर तक मिले पाए गए। वहीं किसानों ने बताया कि जाइम की लिक्विड फॉर्म (Limdi Form) का प्रभाव भी बेहद खराब है।

किसानों ने उठाई आवाज, लाखों का नुकसान का दावा

किसानों का कहना है कि उन्होंने भरोसा करके लाखों रुपये की खाद खरीदी, लेकिन नतीजे निराशाजनक रहे।
शिकायत दर्ज कराने वाले प्रमुख किसानों में शामिल हैं:

रामजी विश्वकर्मा, ग्राम चनौआ

चुरामणि कुर्मी, ग्राम चनौआ

मोहन विश्वकर्मा, ग्राम चनौआ

घासीराम कुर्मी, रतनपुरा गढ़ाकोटा

अनिल कुर्मी, रतनपुरा गढ़ाकोटा

और अन्य किसान

इन सभी का एक ही आरोप था कि कंपनी द्वारा बेची जा रही खाद न केवल खराब गुणवत्ता की है, बल्कि फसल को फायदा पहुँचाने के बजाय नुकसान पहुँचा रही है।

नमूने भेजे गए लैब, दस्तावेज भी नहीं मिले

निरीक्षण के दौरान किसानों के पास उपलब्ध खाद के नमूने एकत्र कर लिए गए हैं, जिन्हें अब प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजा गया है।
इसके अलावा कंपनी के पास लाइसेंस सहित अन्य जरूरी दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं पाए गए, जो एक गंभीर कानूनी उल्लंघन है।

एफआईआर दर्ज, कई धाराओं के तहत कार्रवाई

गोल्डन फार्मर ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर प्राइवेट लिमिटेड पर निम्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है:

फर्टिलाइज़र कंट्रोल ऑर्डर 1985 की धारा 7

एसेंशियल कमोडिटीज़ एक्ट की धारा 3/7

कृषि विभाग के अनुसार बिना लाइसेंस खाद का उत्पादन या विक्रय करना एक दंडनीय अपराध है, जिसमें कड़ी सजा का प्रावधान है।

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मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
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