खुरई (सागर)। किसानों को ठगने की साजिश पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। रविवार रात खुरई पुलिस ने गढ़ौला नाका क्षेत्र से एक बिना नंबर वाले ट्रैक्टर में लदी 50 बोरी नकली डीएपी खाद बरामद की। मौके से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि खाद के सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं।
रात में मिली सूचना, पुलिस ने की तत्पर कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, खुरई पुलिस को रविवार देर रात सूचना मिली कि गढ़ौला नाका इलाके में एक ट्रैक्टर-ट्रॉली में बड़ी मात्रा में नकली खाद रखी गई है और उसे कहीं ले जाने की तैयारी चल रही है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने तत्काल घेराबंदी की और संदिग्ध ट्रैक्टर को रोक लिया।
जांच में पाया गया कि ट्रैक्टर पर कोई रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं था, जिससे उसके चोरी के होने की आशंका भी उत्पन्न हुई। वाहन की तलाशी लेने पर उसमें 50 बोरी डीएपी खाद भरी मिली।
प्रारंभिक जांच में खाद निकली नकली
सोमवार सुबह वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी राजू चौहान और उनकी टीम थाने पहुंची और खाद का प्राथमिक परीक्षण किया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि जब्त की गई खाद नकली डीएपी है, जो किसानों को ठगने के उद्देश्य से बाजार में बेची जानी थी।
खाद की अनुमानित कीमत 72,500 रुपये बताई गई है। विभाग ने अब खाद के नमूने प्रयोगशाला जांच के लिए भेज दिए हैं ताकि यह पुष्टि हो सके कि इसमें कौन-कौन से रासायनिक तत्वों का गलत मिश्रण किया गया है।
आरोपी पहले भी था संदिग्ध गतिविधियों में शामिल
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान रिंकू ठाकुर निवासी गढ़ौला नाका के रूप में हुई है। जांच में सामने आया है कि रिंकू पहले भी नकली खाद के धंधे में सक्रिय रहा है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कुछ समय पहले सिलोधा क्षेत्र में भी 100 बोरी नकली खाद पकड़ी गई थी, और अब दोनों मामलों में एक ही नेटवर्क के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
नेटवर्क की तलाश में जुटी पुलिस
फिलहाल पुलिस आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि नकली खाद की यह खेप कहां से लाई गई थी और किन लोगों तक पहुंचाई जानी थी। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इसके पीछे कोई संगठित गिरोह काम कर रहा है जो किसानों को असली खाद के नाम पर ठग रहा है।
कृषि विभाग ने बढ़ाई निगरानी
कृषि विभाग ने इस घटना के बाद क्षेत्र में खाद विक्रेताओं और आपूर्तिकर्ताओं पर निगरानी बढ़ा दी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अब सभी दुकानों और गोदामों की नियमित सैंपल जांच की जाएगी ताकि किसानों को मिलावटी खाद से बचाया जा सके।
किसानों के हितों से जुड़ा गंभीर मुद्दा
नकली खाद का यह मामला न केवल धोखाधड़ी का उदाहरण है, बल्कि यह किसानों की फसलों और मिट्टी की उर्वरता पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी खाद फसल उत्पादन को नुकसान पहुंचाती है और मिट्टी के प्राकृतिक तत्वों को भी नष्ट कर देती है।
पुलिस का कहना है कि मामले की पूरी जांच जारी है, और जल्द ही इस पूरे नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।








