सागर। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्वाचक नामावली विशेष गहन पुनरीक्षण 2026 के तहत सागर जिले में चल रहे एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न) सर्वे में गंभीर लापरवाही सामने आने के बाद कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संदीप जीआर ने कड़ा रुख अपनाया है। सर्वे कार्य में देरी और कई क्षेत्रों में प्रगति शून्य रहने पर प्रशासन ने व्यापक कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर बूथ लेवल तक जवाबदेही तय की है।
तीन एसडीएम और 15 तहसीलदारों को नोटिस
कलेक्टर ने सर्वे कार्य में अपेक्षित प्रगति न होने पर तीन अनुविभागीय अधिकारियों (एसडीएम) और 15 तहसीलदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। जिन अधिकारियों को नोटिस भेजा गया है, उनमें शामिल हैं–
मनोज चौरसिया, अनुविभागीय अधिकारी, खुरई
आरती यादव, संयुक्त कलेक्टर एवं निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी
रोहित वर्मा, अनुविभागीय अधिकारी, सुरखी
इसके अलावा जिन तहसीलदारों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनके नाम हैं—अंबर पंथी, राकेश कुमार अहिरवार, कमलेश कुमार सतनामी, निर्मल सिंह राठौर, हरीश लालवानी, प्रीति रानी चौरसिया, प्रेम नारायण सिंह, राजेश कुमार पांडे, महेश दुबे, संदीप तिवारी, देवी प्रसाद चक्रवर्ती, मोहित जैन और ज्ञान चंद्र राय।
सर्वे में प्रगति नहीं, तीन बीएलओ निलंबित
एसआईआर सर्वे डिजिटाइजेशन में शून्य प्रगति पाए जाने पर तीन बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को निलंबित किया गया है। इनमें शामिल हैं—
देवेन्द्र चौरसिया, शिक्षक, मतदान केंद्र क्रमांक 155, जैसीनगर
अरुण अहिरवार, शिक्षक, मतदान केंद्र क्रमांक 257, करैया
कामता प्रसाद पटेल, सचिव, ग्राम कटंगी, बीएलओ 37, मतदान केंद्र क्रमांक 193, सुरखी विधानसभा
इन बीएलओ को पहले ही नोटिस जारी कर चेतावनी दी गई थी, लेकिन बावजूद इसके उनके कार्य में सुधार नहीं दिखा, जिसके कारण निलंबन की कार्रवाई की गई।
कलेक्टर ने दी स्पष्ट चेतावनी
कलेक्टर संदीप जीआर ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा तय किए गए सर्वे कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि एसआईआर सर्वे पूरी गुणवत्ता और समय-सीमा के भीतर पूरा होना चाहिए, क्योंकि निर्वाचन सूची का अद्यतन साफ-सुथरी और पारदर्शी प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
प्रशासन अब सख्त मोड में
सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन अब सर्वे की दिन-प्रतिदिन मॉनिटरिंग करेगा। जहां भी प्रगति धीमी पाई जाएगी वहां तुरंत कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे टीमों को सक्रिय करें और तय समय सीमा में डिजिटाइजेशन का कार्य पूरा करें।
यह कार्रवाई प्रशासन की इस मंशा को स्पष्ट करती है कि चुनावी प्रक्रिया से जुड़े किसी भी कार्य में लापरवाही को तुरंत रोका जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।








