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ESB परीक्षा कैलेंडर फेल! तय समय पर नहीं हो रहीं भर्तियाँ, बदले सिलेबस से बढ़ी उम्मीदवारों की चिंता

भोपाल। मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ...

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भोपाल। मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ईएसबी ने वर्ष 2025 के लिए भर्तियों और प्रवेश परीक्षाओं का विस्तृत कैलेंडर पहले ही जारी कर दिया था, लेकिन तय कार्यक्रम पर अमल नहीं हो पा रहा है। परीक्षाओं में हो रही देरी से अभ्यर्थी न सिर्फ भ्रमित हैं, बल्कि उनकी उम्र की अधिकतम सीमा भी पार होती जा रही है।

प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट की तारीख टली, 26 जुलाई को होगा आयोजन

कृषि क्षेत्र में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रस्तावित प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट (PAT) को मई में आयोजित किया जाना था, लेकिन अब इसे टालते हुए 26 जुलाई को कराने का फैसला लिया गया है।

ईएसबी ने इस साल कुल 15 भर्ती परीक्षाएं और 5 प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की घोषणा की थी, जिनमें से अभी तक सिर्फ छह ही परीक्षाएं हो सकी हैं वो भी अपने तय समय से एक से दो महीने की देरी से।

अभी तक आठ प्रवेश परीक्षाओं के आवेदन भी शुरू नहीं

जुलाई से दिसंबर तक की आठ प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया तक शुरू नहीं हुई है। ऐसे में यह तय है कि यह परीक्षाएं निर्धारित कैलेंडर के अनुसार नहीं हो पाएंगी और इसकी जिम्मेदारी किसी न किसी स्तर की लापरवाही को लेकर तय होनी चाहिए।

अब स्थिति यह बन रही है कि जनवरी से मई 2026 के बीच ही बाकी परीक्षाएं कराई जा सकेंगी। इससे प्रतियोगियों को लंबे समय तक अनिश्चितता का सामना करना पड़ेगा।

सिलेबस में बदलाव से बढ़ी परेशानी, तैयारी का वक्त नहीं बचा

सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए इस साल 13,089 पदों पर चयन प्रक्रिया चल रही है। परीक्षा 31 अगस्त से होनी है और आवेदन की अंतिम तिथि 1 अगस्त रखी गई है। परीक्षा से पहले ही सिलेबस में बदलाव कर दिया गया है, जिससे उम्मीदवारों के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है।

पुराने सिलेबस से बाल मनोविज्ञान, पर्यावरण अध्ययन और संस्कृत को हटा दिया गया है, वहीं अंग्रेज़ी को अनिवार्य विषय बना दिया गया है। इसके अलावा विज्ञान और सामाजिक विज्ञान को नए रूप में जोड़ दिया गया है। छात्रों का कहना है कि नए सिलेबस के मुताबिक तैयारी के लिए कम से कम 2 से 3 महीने की जरूरत है, लेकिन अब परीक्षा महज डेढ़ महीने दूर है।

सिलेबस और नियमावली पहले क्यों नहीं जारी की जाती ?

अभ्यर्थियों की मांग है कि परीक्षा से काफी पहले सिलेबस और नियमावली वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी जाए ताकि उन्हें तैयारी का उचित समय मिल सके। अभी आवेदन के साथ ही सिलेबस जारी किया जाता है, जिससे उम्मीदवारों को संशय और मानसिक दबाव का सामना करना पड़ता है।

25,472 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी, लेकिन धीमी रफ्तार से

इस वर्ष विभिन्न विभागों में कुल 25,472 पदों पर भर्तियाँ होनी हैं, लेकिन प्रक्रिया की गति बेहद धीमी है। उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या के लिहाज़ से भी ये देरी बेहद चिंताजनक है।

ईएसबी निदेशक का पक्ष

ईएसबी के संचालक साकेत मालवीय का कहना है,

हम पूरी कोशिश करते हैं कि परीक्षाएं समय पर हों, लेकिन कई बार संबंधित विभागों द्वारा पदों की स्थिति स्पष्ट करने में देर हो जाती है। इसके कारण शेड्यूल प्रभावित होता है। हम जल्द से जल्द परिणाम जारी करने का भी प्रयास करते हैं।

परीक्षाओं की अनिश्चित तारीखें और अचानक सिलेबस में बदलाव न सिर्फ अभ्यर्थियों की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं, बल्कि उनके भविष्य को भी अंधेरे में डाल रहे हैं। परीक्षा मंडल को समयबद्धता और पारदर्शिता को लेकर और अधिक गंभीरता दिखाने की ज़रूरत है।

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