रहली (सागर)। रहली की कृषि उपज मंडी में मंगलवार को किसानों ने अपनी कई समस्याओं को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। आक्रोशित किसानों ने मंडी परिसर का मुख्य गेट बंद कर नारेबाजी की, जिससे मंडी का कामकाज कुछ समय के लिए ठप हो गया। हालात बिगड़ते देख पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाइश देकर किसानों को शांत कराया। बाद में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार राजेश पांडे को सौंपा।
किसानों का आरोप – तुलाई में वसूले जा रहे अधिक पैसे, भुगतान में हो रही देरी
किसानों का कहना है कि मंडी में उपज की तुलाई कराने के लिए निर्धारित हम्माल शुल्क से अधिक राशि ली जा रही है। बताया गया कि तुलाई के नाम पर किसानों से प्रति क्विंटल 25 रुपये तक वसूले जा रहे हैं, जबकि यह नियमों के विपरीत है। इसके साथ ही, उपज बेचने के बाद किसानों को उनका भुगतान समय पर नहीं मिल रहा है, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
किसान संघ के नेता ब्रजेश सिंह रमखिरिया ने कहा कि मंडी नियमों के अनुसार फसल का भुगतान 24 घंटे के भीतर होना चाहिए, लेकिन व्यापारियों द्वारा कई दिनों तक राशि रोकी जाती है। किसान अपनी मेहनत की कमाई के लिए बार-बार मंडी और व्यापारियों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
सुविधाओं का अभाव, बिजली और खाद को लेकर भी जताई नाराज़गी
किसानों ने मंडी में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर भी नाराज़गी व्यक्त की। उनका कहना है कि सरकार द्वारा मंडी में किसानों के ठहरने, खाने-पीने और विश्राम की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन जमीन पर इनका कोई पालन नहीं हो रहा। इसके अलावा, किसानों ने खाद की कमी और बिजली की अनियमित आपूर्ति को लेकर भी विरोध जताया।
उन्होंने बताया कि कृषि कार्यों के लिए 10 घंटे बिजली आपूर्ति का नियम है, परंतु बीच-बीच में बिजली कटौती की जाती है, जिससे सिंचाई कार्य प्रभावित हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि उनकी परेशानी लगातार बढ़ रही है, लेकिन समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
प्रशासन ने दिलाया समाधान का भरोसा
हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस और प्रशासनिक टीम ने किसानों से चर्चा की और उनकी समस्याओं को सुनने के बाद शांति बनाए रखने की अपील की। तहसीलदार राजेश पांडे ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतें कलेक्टर तक पहुंचाई जाएंगी और समस्याओं के समाधान के लिए शीघ्र कार्यवाही की जाएगी। अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसान शांत हुए और मंडी का संचालन पुनः सामान्य हो गया।








