हनीमून बना हत्याकांड : पत्नी ने ही रच डाली थी इंदौर के राजा की हत्या की साजिश
शिलॉन्ग/इंदौर। जिस जगह प्यार के नए सपनों की शुरुआत होनी थी, वही मौत का मैदान बन गया। इंदौर के राजा रघुवंशी अपनी नई नवेली दुल्हन सोनम के साथ मेघालय की खूबसूरती निहारने आए थे। पर किसे पता था कि उनकी ज़िंदगी का आखिरी सफर यहीं खत्म हो जाएगा।
अब खुलासा हुआ है कि राजा की मौत कोई हादसा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी — और वो साजिश रची थी उनकी अपनी पत्नी ने।
मेघालय पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल मर्डर केस में सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि सोनम ने ही भाड़े के हत्यारों को बुलाया था। उसका मकसद था – अपने पति को रास्ते से हटाना। राजा की लाश दो जून को एक खाई में पड़ी मिली, लेकिन उसकी गूंज अब पूरे देश में सुनाई दे रही है।
टैटू ने किया शव की पहचान
23 मई को जब यह नवविवाहित जोड़ा लापता हुआ, तो पुलिस को शक हुआ कि कहीं वे जंगल में रास्ता न भटक गए हों। लेकिन 2 जून को जब राजा की सड़ी-गली लाश 150 फीट गहरी खाई में मिली, तब शक एक सच्चाई में बदल गया। चेहरे की पहचान मुश्किल थी, पर उनके शरीर पर बना एक टैटू परिवार को सबकुछ बता गया।
स्कूटी से 25 किलोमीटर दूर मिला शव
राजा की डेड बॉडी उस जगह मिली, जो उनकी किराए पर ली गई स्कूटी से करीब 25 किलोमीटर दूर थी। न मोबाइल, न पर्स, न सोने की चेन। सिर्फ एक स्मार्टवॉच कलाई पर बंधी मिली। यह साफ संकेत था कि मामला महज़ गुमशुदगी का नहीं था।
गाइड की गवाही से टूटा केस का ताला
मावलाखियात के लोकल गाइड अल्बर्ट पैड ने पुलिस को जो बताया, उसने मामले को नया मोड़ दे दिया। उसने कहा कि उसने राजा और सोनम को 23 मई को तीन अजनबी युवकों के साथ देखा था। चारों पुरुष आगे-आगे चल रहे थे, महिला पीछे थी। वे हिंदी में बातें कर रहे थे।
चार गिरफ्तार, एक फरार
अब तक पुलिस ने इस मामले में सोनम सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। तीन हमलावर मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश से पकड़े गए, जबकि सोनम ने खुद गाजीपुर के नंदगंज थाने में आत्मसमर्पण किया। एक अन्य आरोपी की तलाश अब भी जारी है।
मेघालय के डीजीपी नोंग्रांग ने बताया, “पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि इस हत्या की योजना सोनम ने बनाई थी। उसे अंजाम देने के लिए उसने बाहर से लोगों को बुलाया।”
मुख्यमंत्री ने सराहा पुलिस का काम
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने सोशल मीडिया पर लिखा, “राजा रघुवंशी हत्या मामले में सात दिनों के भीतर ही पुलिस ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।”