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मां मछली बेचती थीं, पिता मजदूर थे,तीनों फॉर्मेट में डेब्यू करने वाले नटराजन, 10.75 करोड़ में बिकने के बाद भी टीम से बाहर

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मां मछली बेचती थीं, पिता मजदूर थे,तीनों फॉर्मेट में डेब्यू करने वाले नटराजन, 10.75 करोड़ में बिकने के बाद भी टीम से बाहर

इंडियन प्रीमियर लीग IPLके 19वें सीजन के लिए खिलाड़ियों का मिनी ऑक्शन आज, 16 दिसंबर को अबु धाबी में आयोजित किया जा रहा है। इस बड़े मंच के बीच आईपीएल और भारतीय क्रिकेट की एक ऐसी कहानी सामने आती है, जो किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं लगती। यह कहानी है बाएं हाथ के तेज गेंदबाज टी. नटराजन की जिसकी शुरुआत संघर्ष से हुई, शोहरत तक पहुंची और फिर अचानक खामोशी में खो गई।

टी. नटराजन का नाम उस दौर में खूब चर्चा में आया, जब वे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम के साथ महज स्टैंडबाय खिलाड़ी के तौर पर गए थे, लेकिन हालात ऐसे बने कि उन्होंने वहीं टी20, वनडे और टेस्ट तीनों फॉर्मेट में भारत के लिए डेब्यू कर लिया। उस दौरे पर कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में वे ‘लकी मैस्कॉट’ कहे जाने लगे। हालांकि, करोड़ों की आईपीएल बोली और अंतरराष्ट्रीय सफलता के बावजूद आज नटराजन गुमनामी के दौर से गुजर रहे हैं।

तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में पले-बढ़े नटराजन की क्रिकेट से पहली पहचान टेनिस बॉल क्रिकेट के जरिए बनी। उनके पिता दिहाड़ी मजदूरी करते थे और मां सड़क किनारे मछली बेचकर परिवार चलाती थीं। आर्थिक हालात इतने कमजोर थे कि रोजमर्रा की जरूरतें भी मुश्किल से पूरी होती थीं।

नटराजन की सबसे बड़ी ताकत उनकी सटीक यॉर्कर रही है। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज के तौर पर लगातार छह गेंद यॉर्कर डालने की क्षमता ने उन्हें अलग पहचान दिलाई। टेनिस बॉल क्रिकेट में उनकी गेंदबाजी ने लोगों का ध्यान खींचा और यही प्रतिभा उन्हें आईपीएल तक ले आई। पहले किंग्स इलेवन पंजाब और फिर सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलते हुए उन्होंने अपनी काबिलियत साबित की।

IPL 2020 में शानदार प्रदर्शन के बाद नटराजन को 2020-21 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई भारतीय टीम में स्टैंडबाय गेंदबाज के रूप में शामिल किया गया। कोविड और चोटों के चलते टीम में लगातार बदलाव हुए और यही मौके नटराजन के लिए दरवाजा बन गए।

वनडे में उन्हें नवदीप सैनी के विकल्प के तौर पर मौका मिला। सीरीज के तीसरे और आखिरी वनडे में उन्होंने दो विकेट लेकर टीम को हार से बचाया। इसके बाद T20 सीरीज में वरुण चक्रवर्ती के चोटिल होने पर नटराजन को खेलने का अवसर मिला। पहले टी20 में उन्होंने 4 ओवर में 30 रन देकर 3 विकेट लिए और भारत ने 11 रन से जीत दर्ज की। दूसरे मैच में भी उन्होंने 2 विकेट झटके और टीम ने सीरीज अपने नाम की। टेस्ट क्रिकेट में नटराजन को उमेश यादव की चोट के बाद मौका मिला। सिडनी टेस्ट में वे बेंच पर रहे, लेकिन जसप्रीत बुमराह के चोटिल होने के बाद ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर खेले गए चौथे टेस्ट में उन्हें डेब्यू का अवसर मिला। इस मुकाबले में उन्होंने 108 रन बनाने वाले मार्नस लाबुशेन समेत तीन विकेट लिए। भारत ने यह टेस्ट जीतकर सीरीज 2-1 से अपने नाम की, जिसे क्रिकेट इतिहास की यादगार जीतों में गिना जाता है।

नटराजन के अंतरराष्ट्रीय आंकड़ों पर नजर डालें तो उन्होंने भारत के लिए 1 टेस्ट में 3 विकेट, 2 वनडे में 3 विकेट और 4 टी20 मैचों में 7 विकेट लिए। हालांकि, बार-बार चोटिल होने के कारण वे टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर सके।

IPL 2024 के मिनी ऑक्शन में दिल्ली कैपिटल्स ने नटराजन को 10.75 करोड़ रुपये में खरीदकर सबको चौंका दिया। उम्मीद थी कि उन्हें पूरे सीजन में अहम भूमिका मिलेगी, लेकिन हकीकत इसके उलट रही। पूरे टूर्नामेंट में वे सिर्फ 7 गेंद ही फेंक पाए।

आईपीएल 2022 में 18 विकेट और 2023 में 10 विकेट लेने वाले 34 वर्षीय नटराजन अब भी एक और मौके की राह देख रहे हैं। आईपीएल ऑक्शन के इस माहौल में उनकी कहानी एक बार फिर यह याद दिलाती है कि क्रिकेट में सफलता जितनी तेजी से मिलती है, उतनी ही तेजी से दूर भी हो सकती है।

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मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
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