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मालथौन से दर्दनाक घटनाएं: अलग-अलग जगहों पर करंट से दो लोगों और दो पशुओं की मौत, विद्युत विभाग की लापरवाही उजागर

मालथौन से दर्दनाक घटनाएं: अलग-अलग ...

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मालथौन से दर्दनाक घटनाएं: अलग-अलग जगहों पर करंट से दो लोगों और दो पशुओं की मौत, विद्युत विभाग की लापरवाही उजागर

मालथौन (सागर)। मालथौन थाना क्षेत्र में बुधवार को करंट लगने की तीन अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों और दो मवेशियों की दर्दनाक मौत हो गई। इन हादसों ने न सिर्फ स्थानीय लोगों को हिला कर रख दिया, बल्कि बिजली विभाग की लापरवाही पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

खुले तार की चपेट में आकर किशोर की मौत

पहली घटना मालथौन के भेलईया गांव की है, जहां बुधवार सुबह खुले पड़े बिजली के तारों ने एक मासूम की जान ले ली। जानकारी के मुताबिक, 15 वर्षीय राजाबाबू (पुत्र मलखान) जब घर के पास से गुजर रहा था, तभी वह करंट प्रवाहित तार की चपेट में आ गया। परिजन उसे तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने घटना की जानकारी मिलते ही पंचनामा कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया और मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।

काम के दौरान युवक की गई जान

दूसरी दुखद घटना मालथौन नगर के वार्ड क्रमांक 6 में स्थित एक घरेलू स्तर की पैकेजिंग फैक्ट्री की है। यहां वार्ड 4 निवासी सुरेंद्र जैन मिठया रोज की तरह काम कर रहे थे कि अचानक करंट की चपेट में आ गए। गंभीर रूप से झुलसने के कारण मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई। बताया जा रहा है कि वे अपने परिवार की रोजी-रोटी के लिए इस कारखाने में काम करते थे। इस हादसे से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।

विद्युत विभाग की लापरवाही से दो मवेशियों की मौत

तीसरी घटना ग्राम किशनगढ़ भटनौरा की है, जहां सुबह के समय खेत में चरने गई एक गाय और एक भैंस की बिजली के टूटे तारों से करंट लगने से मौत हो गई।
गांव के ही निवासी प्रमोद पाल के ये मवेशी खेतों में घास चरने गए थे, तभी बिजली का तार टूटकर गिर गया और उसमें करंट प्रवाहित होता रहा। स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग को समय पर सूचना भी दी, लेकिन समय रहते बिजली बंद नहीं की गई, जिससे ये दोनों मूक पशु बिजली की चपेट में आ गए।

ग्रामीणों में आक्रोश

गांववासियों ने बिजली विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अगर सूचना मिलते ही लाइन काट दी जाती तो इन जानों को बचाया जा सकता था। ग्रामीणों की मांग है कि दोषियों पर कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

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हमारे बारे में योगेश दत्त तिवारी पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं और मीडिया की दुनिया में एक विश्वसनीय और सशक्त आवाज के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। अपने समर्पण, निष्पक्षता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता के चलते उन्होंने पत्रकारिता में एक मजबूत स्थान बनाया है। पिछले 15 वर्षों से वे प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र 'देशबंधु' में संपादक के रूप में कार्यरत हैं। इस भूमिका में रहते हुए उन्होंने समाज के ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है और पत्रकारिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। उनकी लेखनी न सिर्फ तथ्यपरक होती है, बल्कि सामाजिक चेतना को भी जागृत करती है। योगेश दत्त तिवारी का उद्देश्य सच्ची, निष्पक्ष और जनहितकारी पत्रकारिता को बढ़ावा देना है। उन्होंने हमेशा युवाओं को जिम्मेदार पत्रकारिता के लिए प्रेरित किया है और पत्रकारिता को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम माना है। उनकी संपादकीय दृष्टि, विश्लेषणात्मक क्षमता और निर्भीक पत्रकारिता समाज के लिए प्रेरणास्रोत रही है।
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