सागर। बुंदेलखंड अंचल में मानसून अब कहर बन गया है। सागर जिले में बीते 22 जुलाई से जारी भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियां-नाले उफान पर हैं, पुल डूब गए हैं और गांवों में पानी भर गया है। इस भीषण बारिश के कारण प्रशासन को स्कूल बंद करने, सड़क मार्ग बंद करने और राहत कार्यों में फोर्स तैनात करने जैसे कदम उठाने पड़े हैं।
अब तक सामान्य से 63% अधिक बारिश
30 जुलाई को जारी वर्षा रिपोर्ट के अनुसार, सागर जिले में अब तक 775.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जबकि सामान्य औसत 1230.5 मिमी होती है। यानी 30 जुलाई तक जिले में 63% बारिश हो चुकी है। बीना, राहतगढ़, देवरी और केसली जैसे क्षेत्रों में 30 से 96 मिमी तक बारिश दर्ज की गई। लगातार हो रही बारिश के कारण खेतों में पानी भरने लगा है, जिससे फसलें खराब होने की आशंका जताई जा रही है।
कब मिलेगी मौसम से राहत ?
लगातार बारिश से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर मौसम विशेषज्ञ गोविंद राय ने दी है। उनके अनुसार 31 जुलाई की दोपहर के बाद मौसम में बदलाव आने की संभावना है। सूर्य बादलों के पीछे से झांकते नजर आएंगे। 1, 2 और 3 अगस्त को तापमान में हल्की बढ़त के साथ धूप-छांव का दौर रहेगा। हालांकि कुछ क्षेत्रों में लो-प्रेशर सिस्टम की वजह से हल्की फुहारें पड़ सकती हैं।”
यानी 31 जुलाई की दोपहर के बाद सागर और आसपास के इलाकों में मौसम खुलने लगेगा, जिससे बाढ़ जैसे हालातों में राहत मिलने की उम्मीद है।
सागर और आसपास के जिलों में मानसून इस समय अपने चरम पर है। प्रशासन की टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। लेकिन लोगों की निगाहें अब 31 जुलाई की दोपहर पर टिकी हैं, जब मौसम खुलने और स्थिति सामान्य होने की संभावना जताई जा रही है।
सागर-भोपाल और सागर-जबलपुर मार्ग बंद
सागर-भोपाल स्टेट हाईवे पर मीरखेड़ी के पास बीना नदी उफान पर आ गई, और पानी पुल के ऊपर से बहने लगा। जिससे सड़क को बंद कर दिया गया और दोनों तरफ लंबा जाम लग गया।
वहीं, सागर-दमोह-जबलपुर मार्ग पर झालौन के पास ब्यारमा नदी का पुल ढह गया, जिससे रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है।एसडीएम, पुलिस और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की टीमें मौके पर मौजूद हैं और वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से वापस भेजा जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्र डूबे, गर्भवती महिला को नाव से निकाला गया
दमोह जिले के तेंदूखेड़ा इलाके में ब्यारमा नदी का पानी कई गांवों में घुस गया है। 3 से 5 फीट तक पानी भरने से गांव तालाब जैसे नजर आने लगे हैं। प्रशासन को नावों की मदद से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। बम्हौरी माल गांव में गर्भवती विनीता रैकवार को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया गया।
देवरी और गौरझामर में भी भारी बारिश से हालत बिगड़ गए हैं। पनारी गांव में चौंसठ योगिनी मंदिर जलमग्न हो गया है।
स्कूलों में छुट्टी, लेकिन आदेश में देरी से परेशानी
भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन ने 30 जुलाई को नर्सरी से 12वीं तक के सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी। लेकिन यह आदेश देर रात जारी हुआ, जिससे अधिकांश स्कूल 30 जुलाई की सुबह खुल गए और बच्चों को बारिश के खतरों के बीच स्कूल आना पड़ा।
रिपोर्ट – सूरज सेन – 7400703425