सागर : डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि का ‘दीक्षांत समारोह’ संपन्न : ‘स्वामी रामभद्राचार्य को मिली मानद डी.लिट्. उपाधि
सागर। डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि का 33 वां दीक्षांत समारोह गौर प्रांगण में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नितिन गडकरी केंद्रीय मंत्री भारत सरकार, विशिष्ट अतिथि उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, गौर अतिथि के रूप में मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत एवं सांसद लता वानखेड़े समारोह में सम्मिलित हुये। अध्यक्षताकुलाधिपति कन्हैया लाल बेरवाल ने की। कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
स्वामी रामभद्राचार्य को मानद डी.लिट्. उपाधि प्रदान की गई
इस अवसर पर प्रख्यात मनीषी, रचनाकार, साहित्य एवं संस्कृत मर्मज्ञ, पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य को विवि द्वारा मानद डी.लिट्. उपाधि प्रदान की गई। कुलपति ने यह उपाधि प्रदान की और उन्हें प्रशस्ति पत्र भेंट किया। प्रशस्ति पत्र का वाचन डॉ. शालिनी ने किया। कार्यक्रम में लोकवाद्य एवं मंगलाचरण के साथ अकादमिक विद्वत शोभायात्रा समारोह स्थल तक पहुंची। प्रभारी कुलसचिव डॉ. सत्यप्रकाश उपाध्याय ने विवि ध्वज के साथ शोभायात्रा की आगवानी की।
स्वामी रामभद्राचार्य ने बताया दीक्षा का अर्थ
स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि दीक्षांत का अर्थ दीक्षा का अंत नहीं है बल्कि यह एक सुनहरे भविष्य की शुरूआत है। उन्होंने भारतीय भाषा के महत्व को रेखांकित करते हुये कहा कि उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को राष्ट्र के लिये समर्पित होना चाहिये। प्रत्येक भारतीय के मन में मेलजोल, भाईचारा और समरसता की भावना होनी चाहिये, यही दीक्षा का अर्थ है।
वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से शामिल हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से दीक्षांत भाषण देते हुये कहा कि दीक्षांत विद्यार्थियों के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अवसर होता है। इस विवि के विद्यार्थी भाग्यशाली हैं जिन्हें डॉ. गौर द्वारा दान की गई संपत्ति से बने विवि में अध्ययन करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि शिक्षा से व्यक्ति ज्ञानवान बनता है। हमारे देश की विशेषता रही है कि भारतीय ज्ञान परंपरा ने पूरे विश्व को हमेशा आलोकित किया है। हमारी संस्कृति, हमारी विरासत, ज्ञान एवं विज्ञान हमारी विशेषता है। हमें आज विज्ञान और नवाचार के जरिये समाज को बदलना है।
विद्या से ही व्यक्ति योग्य बनता है : कुलाधिपति कन्हैयालाल बेरवाल
कुलाधिपति कन्हैयालाल बेरवाल ने अध्याक्षीय उद्बोधन देते हुये कहा कि उपाधि मिलना किसी भी विद्यार्थी के जीवन का सबसे सुखद क्षण होता है। विद्या से ही व्यक्ति योग्य बनता है। शिक्षा के साथ संस्कार एवं पात्रता अति आवश्यक है तभी व्यक्ति को सफलता मिलती है। पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहकर भारतीय संस्कृति के आदर्शों एवं विचारकों के पथ के अनुगामी बनें।
भारत 2047 तक सबसे बड़ी शक्ति के रूप में उभरेगा : उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह इक्कीसवीं सदी का भारत है। हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनोमी बनने जा रहे हैं। भारत 2047 तक सबसे बड़ी शक्ति के रूप में उभरेगा। यही नया भारत है। भारत विश्व बंधुत्व और वसुधैव कुटुम्बकम की संकल्पना पर कार्य करने वाला राष्ट्र है। आप सभी इस देश के लिए कार्य करें। आप सबके सामने सुनहरा भविष्य है। शिक्षा का समाज के उत्थान के लिए सदुपयोग करें।
सांसद लता वानखेड़े ने कहा कि विद्यार्थी जहां भी रहें अपने विश्वविद्यालय और शिक्षकों का मान बढ़ायें। अपने मूल्यों को न खोये, समाज व राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का पालन करें, जिज्ञासु बनें। तकनीक का सदुपयोग करें। सफलता केवल पद से नहीं, योगदान से मापी जाती है।
कुलपति प्रो. गुप्ता ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुये शिक्षकों, विद्यार्थियों की उपलब्धियों को रेखांकित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शालनी चौइथरानी ने किया। दीक्षांत की औपचारिक कार्यवाही प्रभारी कुलसचिव डॉ. सत्यप्रकाश उपाध्याय ने संचालित की और आभार व्यक्त किया।
मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान
विवि के विभिन्न अध्ययन शालाओं के मेधावी विद्यार्थियों को अतिथियों ने स्वर्ण पदक और प्रमाण पत्र प्रदान किया। इस दीक्षांत समारोह के लिए 1225 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया था जिसमें स्नातक के 482, पीजी 426 एवं पीएचडी के 49 छात्रों सहित कुल 957 छात्रों ने उपस्थित होकर उपाधि प्राप्त की। इसके अतिरिक्त शेष विद्यार्थियों को इन अब्सेंशिया उपाधि प्रदान की गई। अतिथियों द्वारा मंच से विवि के तीन नवीन भवनों आचार्य सुश्रुत भवन, आचार्य पीसी रे भवन एवं स्वदेशी भवन का लोकार्पण किया गया। डिजीलाकर पर भी रिलीज हुई उपाधि, स्मारिका का किया, विमोचन समारोह का हुआ लाइव प्रसारण सभी विद्यार्थियों की डिग्री डिजीलाकर पर भी रिलीज हुई। अतिथियों ने दीक्षांत स्मारिका का विमोचन किया।