सागर। शहर के केंट थाना क्षेत्र में 17 नवंबर को हुई ड्राइवर दीपचंद्र साहू की हत्या ने पूरे इलाके को डरा दिया था। शुरुआत में यह एक सामान्य हत्या का मामला लग रहा था, लेकिन जैसे-जैसे पुलिस ने पड़ताल आगे बढ़ाई, हकीकत कुछ और ही निकलकर सामने आई। हैरानी की बात यह है कि जिस आदमी की गाड़ी दीपचंद्र चलाता था, वही उसकी मौत की वजह बन गया।
कैसे हुआ हमला
करीब शाम 4:45 बजे, दीपचंद्र भगवानगंज क्षेत्र में गोवर्धन अलाइमेंट शॉप के पास गाड़ी की सर्विसिंग करवा रहा था। तभी एक अज्ञात व्यक्ति आया और उस पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। हमला इतना अचानक था कि दीपचंद्र मौके पर ही गिर पड़ा और उसकी जान बचाई नहीं जा सकी। यह इलाका घनी आबादी वाला है, इसलिए घटना के बाद लोग सहम गए। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और मामला केंट थाने में दर्ज किया गया।
पुलिस की जांच हर क्लू को जोड़ा गया
मामला गंभीर था, इसलिए वरिष्ठ अधिकारियों ने तुरंत जांच का दबाव बढ़ाया। पुलिस ने घटना स्थल के आसपास से मुख्य बाजार, गलियाँ और रास्तों से 500 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले।
इसके साथ ही मृतक के परिचितों, दोस्तों और इलाके के लोगों से पूछताछ भी की गई।
धीरे-धीरे एक जानकारी सामने आई जिसने पूरा रुख बदल दिया किसी ने बताया कि मृतक का वाहन मालिक अनिल खटीक इस हत्या में शामिल हो सकता है।
पूछताछ में निकल आया सच—50 हजार की सुपारी
जैसे ही पुलिस ने अनिल खटीक (44), निवासी विवेकानंद वार्ड को हिरासत में लेकर सवाल पूछे, वह टूट गया। उसने बताया कि उसने अपने मुंह बोले रिश्तेदार सुरेंद्र उर्फ मुल्ली खंगार के जरिए दीपचंद्र को मरवाने की साजिश रची थी।
अनिल ने हत्या के लिए 50,000 रुपये की सुपारी तय की थी, जिसमें से 17,000 रुपये पहले ही दे दिए गए थे। इसके बाद सुरेंद्र ने अपने साथियों को इकट्ठा किया और सबने मिलकर मोटर साइकिल से रेकी की और फिर हत्या को अंजाम दिया।
8 आरोपी पकड़े गए—दो नाबालिग भी शामिल
जांच और साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने कुल 8 लोगों को पकड़ा है। इनमें:
6 वयस्क, 2 नाबालिग (उम्र 17 वर्ष 11 माह) शामिल हैं।
गिरफ्तार आरोपी ये हैं:
निखिल रैकवार (18)
बड्डे उर्फ जय अहिरवार (23)
कार्तिक रैकवार (18)
समीर अहिरवार (18)
दो नाबालिग
सुरेंद्र उर्फ मुल्ली खंगार
अनिल खटीक (मुख्य साजिशकर्ता)
सभी ने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि उन्होंने पैसों के लालच में मिलकर दीपचंद्र की हत्या की।
बरामदगी और पुलिस टीम की भूमिका
पुलिस ने इस वारदात में उपयोग की गई: दो मोटर साइकिलें,एक धारदार छुरा,और मोबाइल फोन ,जब्त कर लिए हैं।
इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी रोहित डोंगरे और उनकी टीम, साथ ही साइबर सेल की टीम का बड़ा योगदान रहा।
मामला अब अदालत की ओर
पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं और उन्हें जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा। हत्या की वजह क्या थी। यह पहलू भी जांच का हिस्सा है, जिसे पुलिस जल्द स्पष्ट करेगी।








