मध्यप्रदेश में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) सर्वे का अतिरिक्त बोझ शिक्षकों पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। शिक्षक जब BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) के रूप में नियुक्त किए जा रहे हैं, तो उनके नियमित शिक्षण कार्य के साथ सर्वे, अपडेट और ऑनलाइन एंट्री जैसे कामों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। विभागीय सख्ती और शिकायतों के चलते कई जिलों में कार्रवाई भी तेज हो गई है, जिसका गंभीर असर अब शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य पर दिखने लगा है।
झाबुआ में निलंबन के 24 घंटे बाद शिक्षक-BLO की मौत
झाबुआ जिले के उदयगढ़ जनपद पंचायत के ग्राम सोलिया में पदस्थ शिक्षक भुवान सिंह चौहान SIR सर्वे के लिए BLO बनाए गए थे। मंगलवार को जिला निर्वाचन अधिकारी ने सर्वे कार्य में लापरवाही के आरोप में उनका निलंबन आदेश जारी कर दिया।
परिवार का कहना है कि आदेश मिलते ही भुवान सिंह गहरे तनाव में आ गए। न तो उन्होंने रात का खाना खाया और न ही ठीक से सो पाए। बुधवार सुबह अचानक चक्कर खाकर वे गिर पड़े। परिजन उन्हें तत्काल बोरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
क्या थे आरोप ?
निलंबन पत्र में भुवन सिंह पर निम्न कमियाँ बताई गई थीं
सर्वे की प्रगति बेहद धीमी
सत्यापन रिपोर्ट समय पर नहीं भेजना
निर्वाचन आयोग के निर्देशों के पालन में देरी
भुवान सिंह चौहान सोलिया के बाबा देव फलिया प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक थे। साथ ही वे झाबुआ विधानसभा क्षेत्र में BLO की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
शिक्षक बोले बिना सहायक के भारी काम, लगातार बदलते निर्देशों से दबाव
घटना के बाद जिले के अन्य BLO और शिक्षकों ने कहा कि SIR सर्वे, मतदाता सूची अद्यतन, घर-घर जाकर सत्यापन और मोबाइल एप पर ऑनलाइन एंट्री जैसे कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हैं।
उनके अनुसार
काम का बोझ ज्यादा
समय सीमा कड़ी
ऑनलाइन प्रक्रियाएँ जटिल
किसी प्रकार का अतिरिक्त स्टाफ या राहत नहीं
इन परिस्थितियों में कई शिक्षक मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं।
दतिया में भी 11 नवंबर को शिक्षक ने की थी आत्महत्या
सिर्फ झाबुआ ही नहीं, बल्कि दतिया जिले में भी BLO के कार्यभार का दबाव एक शिक्षक की जान ले चुका है।
11 नवंबर को पंडोखर थाना क्षेत्र के ग्राम सालोंन बी स्थित प्राथमिक स्कूल में उदयभान सिहारे (50) ने स्कूल परिसर के वॉशरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
परिवार की पीड़ा
उदयभान के भाई धर्मेंद्र सिहारे ने बताया
उन्हें मोबाइल चलाना तक ठीक से नहीं आता था।
SIR सर्वे और BLO की ड्यूटी मिलने के बाद वे बेहद परेशान रहने लगे थे।
कई बार उन्होंने परिवार से कहा कि यह अतिरिक्त काम उनके वश का नहीं है।
सागर जिले में भी कार्रवाई तेज—9 BLO निलंबित
SIR सर्वे में लापरवाही और काम की धीमी गति को लेकर सागर जिला प्रशासन ने भी कड़ा रुख अपनाया है।
सागर कलेक्टर संदीप जीआर और जिला शिक्षा अधिकारी ने अब तक 9 BLO को निलंबित किया
3 SDM और 15 तहसीलदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किए
कलेक्टर ने किन आरोपों पर कार्रवाई की?
सर्वे में शून्य या बेहद धीमी प्रगति
वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों का पालन न करना
अनुशासनहीनता
मैपिंग और घर-घर सत्यापन में लापरवाही
17 नवंबर को सुरखी विधानसभा क्षेत्र में मैपिंग और सर्वे में प्रगति शून्य मिलने पर 3 BLO पहले ही निलंबित किए जा चुके थे।
क्या SIR सर्वे शिक्षकों के लिए बोझ बन गया है?
शिक्षकों का कहना है कि… वे पहले ही शिक्षण कार्य में व्यस्त रहते हैं। BLO की ड्यूटी में दिनभर घर-घर सर्वे और शाम को ऑनलाइन डेटा अपलोड का दबाव रहता है। गलतियों पर तुरंत कार्रवाई होने से तनाव बढ़ रहा है।
इन घटनाओं ने यह बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या शैक्षणिक कार्य और चुनावी दायित्व एक साथ निभाना शिक्षकों के लिए व्यवहारिक रूप से संभव भी है?








