ग्वालियर शहर तक पानी पहुंचने के लिए पाइप लाइन के काम के दौरान अचानक जमीन धसक गई जिसमें एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई बही अन्य 4 मजदूर घायल है…..
मुरैना। चंबल नदी से ग्वालियर शहर तक पानी पहुंचाने के लिए बिछाई जा रही पाइपलाइन के काम के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। बारिश के कारण जमीन अचानक धंसक गई, जिसकी चपेट में आकर एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
खुदाई के दौरान अचानक धंसी मिट्टी
यह हादसा नूराबाद थाना क्षेत्र के करुआ-जडेरुआ गांव के पास हुआ, जहां चंबल वाटर प्रोजेक्ट के तहत पाइपलाइन बिछाने का कार्य तेजी से चल रहा था। जानकारी के मुताबिक, नेशनल हाईवे के किनारे लगभग 10 फीट (करीब 3 मीटर) गहराई में खुदाई की जा रही थी। इसी रास्ते में बीएसएनएल, एयरटेल, जियो जैसी मोबाइल नेटवर्क कंपनियों और भारतीय सेना की ‘नेटवर्क फॉर स्पेक्ट्रम’ (एनएफएस) लाइनें पहले से बिछी हुई थीं।
खुदाई के दौरान कई बार यह लाइनें क्षतिग्रस्त हो रही थीं, जिसके कारण मोबाइल कंपनियों और एनएफएस के टेक्नीशियन भी पाइपलाइन के साथ-साथ मरम्मत का काम कर रहे थे। शनिवार दोपहर मजदूर पाइपलाइन की वेल्डिंग कर रहे थे, उसी समय मोबाइल कंपनियों और एनएफएस के कर्मचारी गहरे गड्ढे में केबल सुधारने का काम कर रहे थे। तभी अचानक मिट्टी खिसक गई और भारी भरकम पाइप भी उन पर गिर पड़ा।
यूपी के मजदूर की गई जान, चार घायल
इस हादसे में उत्तर प्रदेश के मारवाड़ी गांव के रहने वाले 40 वर्षीय मजदूर कल्लू सिंह की मौके पर ही जान चली गई। इसके अलावा जियो कंपनी के सुपरवाइजर संदीप (37 वर्ष) निवासी इटावा, एनएफएस कर्मचारी प्रीतम (24 वर्ष) निवासी सिकंदरपुर, आगरा, जियो सुपरवाइजर सुनील (भरतपुर, राजस्थान) और मजदूर प्रमोद (27 वर्ष) निवासी अटेर रोड, भिंड गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को तत्काल इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है।
पाइपलाइन में पहले भी आई थी परेशानी
जानकारी के अनुसार पाइपलाइन बिछाने के दौरान कई बार पहले भी मोबाइल और सेना की नेटवर्क लाइनों में फॉल्ट आ चुके थे। इसी वजह से संबंधित कंपनियों के कर्मचारी मौके पर रहकर लगातार केबल सुधारने का काम कर रहे थे। बारिश से मिट्टी कमजोर हो गई थी और उसी वजह से हादसा हो गया।
प्रशासन जांच में जुटा है
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू करवाया। पूरे मामले की जांच की जा रही है कि सुरक्षा के मानकों में कोई लापरवाही तो नहीं हुई।