मध्यप्रदेश के ग्वालियर में कीटनाशक गैस के रिसाव ने एक परिवार को तबाह कर दिया। प्रीतम विहार कॉलोनी में रहने वाले सत्येंद्र शर्मा के परिवार पर यह हादसा तब टूटा जब मकान मालिक ने गेहूं में सल्फास की गोलियां डालकर कीट नियंत्रण की कोशिश की। गैस फैलने से सत्येंद्र के चार वर्षीय बेटे वैभव और 13 वर्षीय बेटी क्षमा की मौत हो गई, जबकि उनके माता-पिता गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। पिता सत्येंद्र शर्मा ने अस्पताल में कहा कि अगर उस रात उन्होंने कूलर न चलाया होता तो संभवतः उनका परिवार इस स्थिति में न होता।
मकान मालिक पर गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज
घटना के बाद पुलिस ने मकान मालिक श्रीकृष्ण यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ की। देर रात करीब 2 बजे उनके खिलाफ गैर-इरादतन हत्या (IPC 304) का मामला दर्ज किया गया है। यादव घटना के समय से ही थाने में पुलिस निगरानी में थे।
कैसे हुआ हादसा, कूलर ने जहरीली गैस कमरे में भर दी
सूत्रों के अनुसार, श्रीकृष्ण यादव ने अपने तीन मंजिला मकान के पोर्च में रखे करीब 250 क्विंटल गेहूं को घुन से बचाने के लिए करीब 50 सल्फास गोलियां डाली थीं। उसी पोर्च के सामने ग्राउंड फ्लोर पर शर्मा परिवार किराए से रहता था।
सल्फास गोलियां डालते वक्त शर्मा परिवार घर से बाहर था
लौटने पर उन्हें खतरे की जानकारी नहीं थी
रात को गर्मी लगने पर कूलर चालू किया गया
कूलर के एग्जॉस्ट से जहरीली गैस कमरे में खींची गई
कुछ देर बाद सभी बेहोश हो गए
इस जहरीली गैस का असर इतना घातक था कि मासूम वैभव की सोमवार को ही मौके पर मौत हो गई, जबकि बहन क्षमा ने मंगलवार सुबह दम तोड़ दिया।
भाई को पुकारती रही, खुद भी दुनिया छोड़ गई
परिजनों के अनुसार, 13 वर्षीय क्षमा सोमवार रात तक होश में थी और बार-बार अपने छोटे भाई वैभव के बारे में पूछ रही थी। उसे यह खबर नहीं दी गई थी कि उसका इकलौता भाई अब इस दुनिया में नहीं है। देर रात उसकी सांसें कमजोर होने लगीं, उसे अन्य अस्पताल ले जाया गया, लेकिन मंगलवार सुबह 4 बजे उसने भी दम तोड़ दिया।
परिजनों का विरोध प्रदर्शन, आर्थिक सहायता की मांग
घटना के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया। मंगलवार दोपहर रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने क्षमा के शव को सड़क पर रखकर गोला का मंदिर चौराहे पर जाम लगा दिया। उनकी मांग थी
मकान मालिक श्रीकृष्ण यादव और उनके बेटे शिवकुमार पर मामला दर्ज किया जाए
पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दी जाए
वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।
परिवार की पृष्ठभूमि : पांच बेटियों के बाद हुआ था बेटा वैभव
सत्येंद्र शर्मा मूल रूप से भिंड जिले के मालनपुर-टूडीला गाँव के रहने वाले हैं और ग्वालियर के महाराजपुरा औद्योगिक क्षेत्र की एक फैक्ट्री में काम करते हैं। वे पत्नी और बच्चों के साथ किराए से इस मकान में रहते थे।
पांच बेटियों के बाद 46 वर्ष की उम्र में वैभव का जन्म हुआ था
परिवार ने बेटे को मन्नत का बच्चा बताया
दो बेटियों की पहले ही मौत हो चुकी थी
दो बड़ी बेटियाँ शादीशुदा हैं
क्षमा सबसे छोटी बेटी थी
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्थानीय पुलिस ने बताया कि जांच जारी है और मौत के कारण की पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से होगी।
सीएसपी रॉबिन जैन ने कहा कि रिपोर्ट और तकनीकी जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या है सल्फास और यह कितना खतरनाक है ?
सल्फास टैबलेट (एल्युमिनियम फॉस्फाइड) का उपयोग आमतौर पर अनाज को कीटों से बचाने में किया जाता है। यह नमी के संपर्क में आते ही फॉस्फीन गैस उत्पन्न करती है, जो अत्यंत जहरीली होती है। बंद या अंशत: बंद स्थान में इसका रिसाव बेहद घातक साबित हो सकता है, खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।








