लोकायुक्त की कार्रवाई:थाने का आरक्षक 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
शिकायतकर्ता से 25 हजार की मांगी थी घूस, बाइक भी जब्त कर बनाई थी दबाव की रणनीति
जबलपुर, मध्यप्रदेश/ लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए जबलपुर के ओमती थाने में पदस्थ आरक्षक नितेश शुक्ला को 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। शिकायतकर्ता शिवम चौरासिया से पहले 25,000 रुपये की मांग की गई थी और उसकी बाइक भी जब्त कर ली गई थी।
गाड़ी लौटाने के बदले मांगी थी रिश्वत
शिवम चौरासिया, जो अंधेरदेव इलाके में हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं, ने अपने मित्र आयुष सोनी को दो सोने की चूड़ियां देकर साढ़े तीन लाख रुपये मांगे थे। लेकिन आयुष ने पैसे नहीं लौटाए। जब शिवम ने थाने में शिकायत की, तो पुलिस ने न केवल टालमटोल की, बल्कि उल्टा शिकायतकर्ता पर ही फर्जी कंगन देने का आरोप लगाकर कार्रवाई की धमकी दी। शिवम से कहा गया कि वह 25 हजार रुपये दे, वरना उस पर नकली सोना बेचने का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
तीन दिन तक काटे थाने के चक्कर
शिवम ने बताया कि 27 से 29 मई तक उसे लगातार थाने के चक्कर कटवाए गए। उसकी बाइक, जो उसने दोस्त से उधार ली थी, पुलिस ने जब्त कर ली। थक-हार कर शिवम ने जबलपुर लोकायुक्त SP संजय साहू से संपर्क कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
लोकायुक्त ने पकड़ा रंगे हाथ
शिकायत की जांच के बाद लोकायुक्त को मामला सही पाया गया। सोमवार को जैसे ही नितेश शुक्ला ने शिवम से रिश्वत की रकम ली, थाने के बाहर से उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी गिरफ्तारी के समय वर्दी में और ड्यूटी पर था।
लोकायुक्त डीएसपी सुरेखा परमार ने बताया कि इस मामले में ओमती थाने के एक सब इंस्पेक्टर शिवगोपाल गुप्ता को भी जांच के दायरे में लिया गया है।
क्या था पूरा मामला?
फरियादी ने दोस्त को सोने की चूड़ी दी, पैसे नहीं मिले शिकायत देने गया, तो पुलिस ने उसकी ही बाइक जब्त कर ली। शिकायत पर कार्रवाई के बजाय 25 हजार की रिश्वत मांगी गई 5 हजार की रकम लेते हुए लोकायुक्त टीम ने आरक्षक को पकड़ालोकायुक्त की इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। अब देखना होगा कि विभागीय कार्रवाई में क्या कदम उठाए जाते हैं।