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सागर : नेशनल हाइवे पर चार घंटे तक जाम, पुलिस समझाइश के बाद भी नहीं माने लोग

सागर/मालथौन। बरोदिया कलां में एक ...

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सागर/मालथौन। बरोदिया कलां में एक नाबालिग युवती की आत्महत्या के मामले ने बुधवार को गंभीर रूप ले लिया, जब परिजनों और स्थानीय लोगों ने शव को नेशनल हाइवे पर रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। घटना के बाद राजमार्ग करीब चार घंटे तक पूरी तरह जाम रहा, जिसके कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यात्री भारी परेशानी में फंसे रहे।जानकारी के अनुसार, नगर के एक युवक रविन्द्र घोषी पर आरोप है कि वह नाबालिग छात्रा को कोचिंग कक्षा से बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था। बताया जा रहा है कि इस घटना से आहत होकर युवती ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। परिजनों ने आरोप लगाया कि रविन्द्र की हरकत ने उनकी बेटी की जिंदगी छीन ली, इसलिए उसे सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए।गुस्साई भीड़ ने नेशनल हाइवे को पूरी तरह से जाम करते हुए मांग की कि आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए, उसके मकान को ध्वस्त किया जाए और “फांसी के बदले फांसी” दी जाए। पुलिस के कई अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभालने की कोशिश की, लेकिन परिजन अपनी मांगों पर अड़े रहे।मालथौन थाना प्रभारी अशोक यादव ने प्रदर्शनकारियों को न्यायपूर्ण मांगों पर कार्रवाई का लिखित आश्वासन दिया, फिर भी लोगों ने शव को सड़क से हटाने से इंकार कर दिया। स्थिति नियंत्रित करने के लिए बंडा एसडीओपी प्रदीप बाल्मीक, बांदरी थाना प्रभारी सुमेर जगेत, और खुरई थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह दांगी सहित भारी पुलिस बल तैनात किया गया।लगातार घंटों तक चले इस विरोध के दौरान करीब पांच किलोमीटर तक दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग गईं। दीपावली पर्व के समय लोग अपने घर लौटने या अन्य स्थानों तक पहुंचने के लिए राजमार्ग से गुजर रहे थे, जिससे जाम में फंसे यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

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हमारे बारे में योगेश दत्त तिवारी पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं और मीडिया की दुनिया में एक विश्वसनीय और सशक्त आवाज के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। अपने समर्पण, निष्पक्षता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता के चलते उन्होंने पत्रकारिता में एक मजबूत स्थान बनाया है। पिछले 15 वर्षों से वे प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र 'देशबंधु' में संपादक के रूप में कार्यरत हैं। इस भूमिका में रहते हुए उन्होंने समाज के ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है और पत्रकारिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। उनकी लेखनी न सिर्फ तथ्यपरक होती है, बल्कि सामाजिक चेतना को भी जागृत करती है। योगेश दत्त तिवारी का उद्देश्य सच्ची, निष्पक्ष और जनहितकारी पत्रकारिता को बढ़ावा देना है। उन्होंने हमेशा युवाओं को जिम्मेदार पत्रकारिता के लिए प्रेरित किया है और पत्रकारिता को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम माना है। उनकी संपादकीय दृष्टि, विश्लेषणात्मक क्षमता और निर्भीक पत्रकारिता समाज के लिए प्रेरणास्रोत रही है।
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