YouTube से नकली नोट बनाना सीखा, पंजाब में चल रहा था फर्जी करेंसी फैक्ट्री, MP पुलिस का बड़ा खुलासा
इंदौर/मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में पुलिस ने नकली नोटों का बड़ा नेटवर्क तोड़ने में सफलता हासिल की है। वायडी नगर थाना पुलिस ने एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उसके मास्टरमाइंड गुरजीत सिंह को पंजाब के पटियाला से पकड़ा है। चौंकाने वाली बात यह है कि गुरजीत सिंह ने जाली नोट बनाना किसी अपराधी गैंग से नहीं, बल्कि YouTube वीडियो देखकर सीखा था।
कार्रवाई के दौरान पुलिस को गुरजीत के गुप्त ठिकाने से ₹500, ₹200 और ₹100 के कुल 1,124 नकली नोट तथा नोट तैयार करने का पूरा सेट-अप जब्त किया गया है, जिसमें प्रिंटर, मशीनें और सुरक्षा फीचर नकल करने वाला समान भी शामिल है।
27 अक्टूबर से शुरू हुई थी तहकीकात
यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब 27 अक्टूबर को मंदसौर के एमआईटी चौराहे से पुलिस ने तीन आरोपियों—
रियाज नियारगर (पिपलियामंडी)
निसार हुसैन पटेल (बोतलगंज)
दीपक गर्ग (भीलवाड़ा, राजस्थान)
को गिरफ्तार किया। इनके पास से ₹500 के 76 नकली नोट बरामद हुए। पूछताछ में मिली सूचनाओं के आधार पर पुलिस ने फर्जी नोट सप्लाई नेटवर्क की कड़ियां जोड़ना शुरू किया।
साइबर सेल की मदद, हरियाणा में जाल बिछाया
जांच आगे बढ़ी तो मंदसौर पुलिस ने साइबर सेल की तकनीकी सहायता ली और हरियाणा के अंबाला में ग्राहक बनकर जाल बिछाया। इस रणनीति के तहत पुलिस ने दो और आरोपियों—
संदीप सिंह बसैती (ग्राम लांडी, शाहबाद)
प्रिंस अहलावत जाट (ग्राम बरोट, लडवा, कुरुक्षेत्र)
को गिरफ्तार किया। इन्हीं से पूछताछ के दौरान गिरोह के सरगना गुरजीत सिंह उर्फ गुरिंदरजीत सिंह रविदासी का नाम सामने आया।
पटियाला में रेड, नकली नोटों का कारखाना सील
सूत्रों और डिजिटल ट्रैकिंग के आधार पर पुलिस टीम पंजाब के पटियाला पहुंची और खुद को खरीदार बताकर गुरजीत से संपर्क किया। सौदे के बहाने वे उसके ठिकाने तक पहुंचे और सनौर इलाके में धावा बोलकर गुरजीत को काबू कर लिया।
छापे में बरामद सामग्री:
₹500 के 640 नकली नोट
₹200 के 472 नकली नोट
₹100 के 12 नकली नोट
हाई-क्वालिटी कलर प्रिंटर और नोट प्रिंटिंग मशीन
हरी चमकीली फिल्म, कटर, स्केल और विशेष कागज
सभी उपकरण और तैयार नकली करंसी जब्त कर उसकी मिनी-फैक्ट्री को सीज कर दिया गया।
चार राज्यों में फैला था नकली नोटों का नेटवर्क
पूछताछ में गुरजीत ने स्वीकार किया कि वह मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में फर्जी नोटों की सप्लाई कर चुका है। पुलिस अब इस रैकेट से जुड़े अन्य नेटवर्क और ग्राहकों का पता लगाने में जुटी है।
पुलिस ने तकनीकी जांच से खोला मामला
एसपी विनोद कुमार मीना ने कहा कि उनकी टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए एक बड़े गिरोह को धर दबोचा है। उनका कहना है कि डिजिटल सर्विलांस, साइबर ट्रैकिंग और जालसाजी तकनीक पर निगरानी इस खुलासे में अहम रही।
नकली नोट बनाने वाली फैक्ट्री को सील कर दिया गया है। नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है। : एसपी विनोद कुमार मीना








