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Suraj Sen

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2 करोड़ की जमीन धोखाधड़ी का पर्दाफाश: EOW की जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर

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2 करोड़ की जमीन धोखाधड़ी का पर्दाफाश: EOW की जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर

भोपाल। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने राजधानी भोपाल में ज़मीन से जुड़ी एक चौंकाने वाली धोखाधड़ी का खुलासा किया है। ट्राइडेंट मल्टीवेंचर्स नामक फर्म के संचालकों ने संगठित साजिश के तहत एक किसान से उसकी 12.46 एकड़ कृषि भूमि छलपूर्वक हड़प ली। इस फर्जीवाड़े में करीब ₹2.02 करोड़ रुपये की रकम भी गबन की गई है।

 

फर्जी दस्तावेज, डिजिटल फ्रॉड और बैंकिंग हेरफेर की इस पूरी साजिश में फर्म के संचालक राजेश शर्मा, सहयोगी दीपक तलुसानी और तकनीकी साथी राजेश तिवारी मुख्य आरोपी हैं। तीनों के खिलाफ IPC और IT एक्ट की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

 

ऐसे रची गई करोड़ों की ठगी की साजिश

 

रातीबड़ निवासी किसान चिंतामणि सिंह मारण की भूमि हाईकोर्ट के आदेश पर उनके नाम पर दर्ज की गई थी। इसके बाद ट्राइडेंट फर्म के राजेश शर्मा ने उनसे संपर्क कर जमीन बिक्री और नामांतरण के नाम पर विश्वास में लिया।

शुरुआत में बैंक ऑफ इंडिया में भुगतान में तकनीकी दिक्कत का हवाला देकर शिकायतकर्ता से ICICI बैंक में नया खाता खुलवाया गया। लेकिन उस खाते में उनकी जानकारी के बिना आरोपी राजेश तिवारी का मोबाइल नंबर और ईमेल ID जोड़ दी गई।

इस फर्जी खाते में ₹2.86 करोड़ के भुगतान का झूठा उल्लेख किया गया, जबकि किसान को सिर्फ ₹81 लाख की राशि ही मिली। शेष राशि आरोपी ने IDFC बैंक में स्थित अपने खाते में ट्रांसफर करा ली।

 

फर्जी चेक और डिजिटल ट्रांजैक्शन से पूरी की गई ठगी

 

रजिस्ट्री में तीन चेक (प्रत्येक ₹22 लाख) दिखाए गए, जिन्हें बाद में ‘स्टॉप पेमेंट’ कर निष्प्रभावी बना दिया गया। इसके अलावा OTP और पासवर्ड की मदद से डिजिटल बैंकिंग के जरिए करोड़ों की रकम कुछ घंटों में ट्रांसफर कर ली गई।

 

EOW जांच में सामने आई मुख्य बातें:

रजिस्ट्री में ₹2.86 करोड़ भुगतान दिखाया गया, लेकिन असल में सिर्फ ₹81.13 लाख दिए गए

₹2.02 करोड़ की रकम फर्जी तरीके से आरोपी ने हड़पी

शिकायतकर्ता के खाते को आरोपी ने अपने नियंत्रण में लिया

आरोपी ने ईमेल और मोबाइल नंबर बदलकर डिजिटल ट्रांजैक्शन किए

मुख्य आरोपी कौन?

राजेश शर्मा – मास्टरमाइंड। फर्जी खाता खुलवाकर रजिस्ट्री कराई, लेन-देन को नियंत्रित किया।

दीपक तलुसानी – फर्म ट्राइडेंट का अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता, खरीदार के रूप में नाम शामिल कराया।

राजेश तिवारी – तकनीकी सहयोगी, जिसने फर्जी खाता ऑपरेट किया और रकम ट्रांसफर कराई।

इन धाराओं में केस दर्ज

EOW ने तीनों आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468, 471 और 120बी (षड्यंत्र) तथा IT एक्ट की धाराएं

66C व 66D के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

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मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
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