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भोपाल में करोड़ों की हाइड्रोपोनिक वीड बरामद, DRI का बड़ा खुलासा…

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल ...

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भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने नशे के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह विदेश से लाई गई महंगी और खतरनाक किस्म की गांजा (हाइड्रोपोनिक वीड) की तस्करी कर रहा था। भोपाल जंक्शन पर की गई कार्रवाई में दो आरोपियों से 24.186 किलो हाइड्रोपोनिक वीड पकड़ी गई। इसके साथ ही बेंगलुरु और नई दिल्ली में भी छापे मारकर कुल 72.024 किलो ड्रग्स और 1.02 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए। इस बरामदगी की अंतरराष्ट्रीय कीमत करीब 72 करोड़ रुपये आंकी जा रही है।

कैसे चला ऑपरेशन?

डीआरआई ने इस कार्रवाई को “ऑपरेशन वीड आउट” नाम दिया। 19 अगस्त को बेंगलुरु से राजधानी ट्रेन (22691) में दो यात्री सवार हुए थे। टीम को इन पर शक था। जब ट्रेन भोपाल पहुंची तो जांच में इनके पास से बड़ी मात्रा में हाइड्रोपोनिक वीड मिला। उसी दौरान टीम को नई दिल्ली में बैठे इस गिरोह के मास्टरमाइंड की जानकारी मिली। छापा मारकर वहां से 1.02 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए, जो ड्रग्स बेचने से कमाए गए थे।

20 अगस्त को डीआरआई ने बेंगलुरु स्टेशन पर भी छापा मारा और वहां से 29.88 किलो हाइड्रोपोनिक वीड जब्त किया गया। इसके बाद 21 अगस्त की सुबह बेंगलुरु के एक होटल में छापा डालकर थाईलैंड से आए यात्री को पकड़ा गया। उसके पास से 17.958 किलो ड्रग्स मिले।

इस तरह कुल मिलाकर मास्टरमाइंड समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

किसे बना रहे थे निशाना ?

जांच में सामने आया कि यह गिरोह सोशल मीडिया के जरिए बेरोजगार, पढ़ाई बीच में छोड़ चुके युवाओं और पार्ट-टाइम नौकरी करने वाले लड़कों को फंसा रहा था। उन्हें पैसों का लालच देकर ड्रग्स की तस्करी में शामिल किया जाता था।

हाइड्रोपोनिक वीड क्या है ?

यह गांजे की एक महंगी और खास किस्म है।

इसे मिट्टी में नहीं बल्कि पानी और खास तकनीक से उगाया जाता है।

सामान्य गांजे की तुलना में इसमें नशे की मात्रा (THC) कई गुना अधिक होती है।

यही वजह है कि रेव पार्टियों और क्लबों में इसकी डिमांड बहुत ज्यादा रहती है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपये प्रति किलो है।

भारत में पूरी तरह प्रतिबंधित

भारत में इस ड्रग्स की खेती और बिक्री पूरी तरह से गैरकानूनी है। लेकिन यह कनाडा, थाईलैंड और अमेरिका जैसे देशों में कानूनी रूप से उगाई जाती है। यहां से तस्कर इसे पार्सल या यात्रियों के जरिए भारत तक पहुंचाते हैं। भारत में बैन होने और हाई-रिस्क होने के कारण इसकी कीमत कई गुना बढ़ जाती है।

आगे क्या होगा?

डीआरआई अधिकारियों का कहना है कि इस नेटवर्क से जुड़े और भी लोग देशभर में सक्रिय हैं। उनकी तलाश जारी है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और जल्द ही और खुलासे हो सकते हैं।

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मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
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